हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत बिहार उल अनवार पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्राकर है
قال امیرالمؤمنين عليه السلام:
مِن كَرَمِ المَرءِ بُكاؤهُ على ما مَضى مِن زَمانِهِ و حَنينُهُ إلى أوطانِهِ.
अमीूरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने फ़रमायाः
बीते हुए समय पर रोना और देश से प्रेम इंसान की बुज़ुर्गी की निशानीयो मे से है।
बिहार उल अनवार, भाग 74, पेज 264
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