हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, लीबिया के ग्रैंड मुफ्ती शेख सादिक अल गरियानी ने ईरान और ज़ायोनी शासन के बीच चल रहे युद्ध को "इस्लाम और कुफ्र के बीच लड़ाई" बताया है, और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से सत्य और झूठ का टकराव बताया है।
अल जज़ीरा पर प्रसारित अपने वीडियो बयान में शेख अलगरियानी ने कहा,ज़ायोनी शासन ने एक इस्लामी देश पर हमला करके अपने क्रूर इरादों और इस्लाम के प्रति शत्रुता को स्पष्ट कर दिया है। यह युद्ध केवल दो देशों के बीच का विवाद नहीं है, बल्कि एक बौद्धिक और धार्मिक टकराव है जिसमें एक तरफ़ कुफ्र है और दूसरी तरफ़ इस्लाम है।
शेख अल गरियानी ने स्पष्ट किया कि पश्चिमी शक्तियों के खुले समर्थन के माध्यम से ज़ायोनी शासन, क्षेत्र में आतंकवाद और उत्पीड़न के लिए बाजार को बढ़ावा दे रहा है और इस्लामी देशों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा,ज़ायोनी हमले न केवल ईरान के खिलाफ़, बल्कि पूरे इस्लामी जगत के खिलाफ़ एक खुली चुनौती और आक्रामकता हैं यह कदम इस्लामी देशों की स्वतंत्रता, संप्रभुता और गरिमा पर एक खुला हमला है।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में ज़ायोनी शासन ने ईरान के कुछ सैन्य और नागरिक केंद्रों को आक्रामक हमले में निशाना बनाया था जिसके बाद ईरान ने "वादा ए सादीक 3" के तहत कब्जे वाले क्षेत्रों में इज़रायली सैन्य और खुफिया केंद्रों पर शक्तिशाली हमले किए और ये अभियान अभी भी जारी हैं।
लीबिया के ग्रैंड मुफ़्ती के इस बयान को इस्लामी दुनिया में काफ़ी महत्व दिया जा रहा है और इसे इस्लामी एकता और जागृति का प्रतीक माना जा रहा है।
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