सोमवार 7 जुलाई 2025 - 14:16
हम न तो ज़ुल्म स्वीकार करते हैं और न ही किसी पर ज़ुल्म करते हैं।आयतुल्लाह काबी

हौज़ा / मजलिस-ए ख़ुबरगान-ए रहबरी के सदस्य और जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा एल्मिया क़ुम के उपाध्यक्ष आयतुल्लाह अब्बास काबी ने कहा कि इस्लाम तर्क, बुद्धिमत्ता और संवाद का धर्म है और ईरानी राष्ट्र भी विवेक और ज्ञान का अनुसरण करता है हम विकास, न्याय, शांति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में निष्पक्षता के इच्छुक है न तो हम ज़ुल्म सहते हैं और न ही किसी पर ज़ुल्म करते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , आयतुल्लाह काबी ने हौज़ा न्यूज़ से बातचीत में कहा कि पिछले 46 वर्षों में ईरानी राष्ट्र ने अपनी सभ्यतागत और सांस्कृतिक राह को जारी रखा लेकिन साम्राज्यवादियों और ज़ायोनियों ने हमेशा इस मार्ग में बाधाएँ खड़ी कीं इस सत्यनिष्ठ और प्रगतिशील आंदोलन को वैश्विक स्तर पर बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए एक मजबूत और जागरूक मीडिया मोर्चे की आवश्यकता है। 

उन्होंने मीडिया के दस महत्वपूर्ण मोर्चों की ओर इशारा करते हुए कहा कि केवल एक संघर्षशील और दूरदर्शी मीडिया ही ज़ायोनियों को बेनकाब कर सकता है और ईरानी राष्ट्र की स्थिरता को मजबूत बना सकता है। आयतुल्लाह काबी ने मीडिया कर्मियों और शहीदों की सराहना पर ज़ोर देते हुए कहा कि दुश्मन के मीडिया का बहिष्कार करना और उसकी खबरों से परहेज़ करना धार्मिक रूप से अनिवार्य है। 

उन्होंने आगे कहा कि हमें शहीद पत्रकारों और बहादुर मीडिया कार्यकर्ताओं को आदर्श के रूप में पेश करना चाहिए। साथ ही, स्थानीय और वैश्विक स्तर पर मीडिया मोर्चे स्थापित करके जनता और मीडिया कर्मियों को मैदान में उतारना चाहिए। 

उन्होंने विजय और जागरूकता संबंधी खबरों के प्रसार, युद्धकालीन परिस्थितियों के अनुसार सोशल मीडिया की रणनीति, हौज़ा एल्मिया, विश्वविद्यालयों और धार्मिक नेताओं की भूमिका को भी आवश्यक बताया। आयतुल्लाह काबी ने कला, संस्कृति, ग्राफिक्स, कविता और कलाकारों के माध्यम से आशा, धैर्य और प्रतिरोध के संदेश के प्रसार को "जिहाद-ए तब्यीन का हिस्सा बताया हैं।

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