सोमवार 8 दिसंबर 2025 - 12:02
अफ्रीका में तब्लीग़ ए दीन के लिए सोशल मीडिया सबसे प्रभावी साधन है

हौज़ा / अफ्रीका में वली फकीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मेंहदवी पुर ने कहा है कि आज के दौर में धार्मिक शिक्षाओं की व्याख्या और जन जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया सबसे प्रभावी और शक्तिशाली साधन बन चुका है इसलिए धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए आधुनिक संचार माध्यमों में निपुणता प्राप्त करना आवश्यक है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अफ्रीकी देशों के छात्रों और स्नातकों के लिए आयोजित मीडिया और सोशल मीडिया प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के उद्घाटन समारोह में संबोधन करते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मेेहदवी पुर ने कहा कि धार्मिक शिक्षाओं को सुंदर, मनमोहक और समय की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रस्तुत करना वर्तमान समय की महत्वपूर्ण मांग है, क्योंकि मनुष्य स्वभाव से सुंदरता की ओर आकर्षित होता है।

उन्होंने पवित्र कुरआन का उदाहरण देते हुए कहा कि कुरान में राजनीतिक, सामाजिक और नैतिक शिक्षाओं को कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है, और यही शैली आज के मीडिया युग में भी सबसे अधिक प्रभावी साबित हो सकती है।

हुज्जतुल इस्लाम मेंहदवी पुर ने जोर देकर कहा कि छात्रों को इंटरनेट, सोशल मीडिया और विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भरपूर उपयोग करना चाहिए और बदलती प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बिठाकर धार्मिक संदेश पहुँचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल शैक्षणिक विकास पर्याप्त नहीं है, बल्कि संदेश प्रसार की व्यावहारिक कौशल हासिल करना भी आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा कि छात्रों के लिए सौ से अधिक व्यावहारिक कौशल आवश्यक हैं, जिनमें मस्जिद का प्रबंधन, शिक्षण, पारिवारिक परामर्श और मीडिया के क्षेत्र से संबंधित कम से कम बीस महत्वपूर्ण कौशल शामिल हैं, जिन पर महारत हासिल करना समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफ्रीकी छात्रों को राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों का विश्लेषण करने की क्षमता हासिल करनी चाहिए, ताकि सर्वश्रेष्ठ पत्रकार, संपादक और सोशल मीडिया कार्यकर्ता उन्हीं के बीच से सामने आएँ। उनका कहना था कि फ़िक़्ह, तफ़्सीर और इस्लामी इतिहास को इस तरह प्रस्तुत किया जाना चाहिए जो युवा पीढ़ी के लिए आकर्षक हो।

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया पहचान, आध्यात्मिकता और जीवन के उद्देश्य के गंभीर संकट से जूझ रही है और मीडिया वह सबसे शक्तिशाली साधन है जो विचारों को व्यापक पैमाने पर फैलाता है। इसलिए पारंपरिक साधनों के साथ-साथ आधुनिक मीडिया का भरपूर उपयोग आवश्यक है।

अंत में उन्होंने कहा कि यद्यपि प्रतीत रूप से साम्राज्यवाद अफ्रीका से बाहर हो चुका है, लेकिन व्यावहारिक रूप से आज भी नए तरीकों से वर्चस्व स्थापित करने के प्रयास जारी हैं। इनका मुकाबला केवल जन जागरूकता से ही संभव है, और यही वह स्थान है जहाँ सोशल मीडिया व्याख्या और ज्ञान प्रसार का सबसे प्रभावी हथियार साबित हो सकता है।

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