हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , बगदाद के इमाम ए जुमआ आयतुल्लाह सय्यद यासीन मूसवी ने कहा,कुछ तत्व सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से इराकी और राष्ट्रीय वास्तविकता को इस तरह पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, मानो इराक पूरी तरह से अमेरिका की मर्ज़ी और खास तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प के फैसलों का गुलाम है।
उन्होंने आगे कहा,ट्रम्प अन्य अमेरिकी राष्ट्रपतियों से कोई खास अलग नहीं है, बल्कि वह अमेरिकी साम्राज्यवादी योजना की ही एक कड़ी है। यह योजना सोवियत संघ के पतन, यूरोप की ताकत के कमजोर होने और चीन की आर्थिक प्रगति के बाद दुनिया के व्यापक भू-राजनीतिक क्षेत्रों पर कब्ज़ा करना चाहती है।
बगदाद के इमाम-ए-जुमा ने कहा,अमेरिका अपनी बची-खुची ताकत एक 'कागज पर छपे डॉलर' पर टिकाए हुए है, जिसकी कोई वास्तविक कीमत नहीं है। यह बेमूल्य मुद्रा दुनिया पर थोपकर वह औपनिवेशिक लक्ष्य हासिल करना चाहता है।
कुछ देशों में राष्ट्रीय मुद्रा की कीमत गिरना, दरअसल, अमेरिका की उन नीतियों का नतीजा है जो स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को कमजोर करने के लिए बनाई गई हैं।
आयतुल्लाह मूसवी ने आगे कहा,ईरान के खिलाफ लड़ी गई हालिया इस्राइली-अमेरिकी जंग इसी साम्राज्यवादी योजना का हिस्सा थी, जिसका मकसद तेहरान की प्रतिरोधी ताकत को तोड़ना और प्रतिरोध मोर्चे को खत्म करना था।
उन्होंने कहा,ईरान का जवाब मजबूत और चौंकाने वाला था, और इसने साबित कर दिया कि इस्लामिक गणतंत्र (ईरान) राजनीतिक और सैन्य समीकरणों को बदलने की क्षमता रखता है।
आपकी टिप्पणी