मंगलवार 8 जुलाई 2025 - 22:08
रहबर-ए मोअज़्ज़म की विशेष रणनीतियों ने 12-दिवसीय युद्ध में दुश्मन को पीछे धकेल दिया

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन सैय्यद मोहम्मद रज़ा मीर ताजुद्दीनी ने कहा,इस्लामी क्रांति के महान नेता ने वर्षों पहले वर्तमान परिस्थितियों का अनुमान लगाते हुए 'जिहाद-ए तब्यीन' के महत्व पर जोर दिया था। दुश्मन की साजिशों को विफल करने और जनमत को गुमराह होने से बचाने के लिए उनकी विशेष रणनीति ने 12-दिवसीय युद्ध में देश की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस्लामी सलाहकारी असेंबली के पूर्व सदस्य हुज्जतुल इस्लाम मीर ताजुद्दीनी ने हौज़ा के संवाददाता से बातचीत में कहा,इस्लाम एक शांतिप्रिय और प्रेम पर आधारित धर्म है और मुसलमान हमेशा से अन्य राष्ट्रों और धर्मों के साथ शांति और सद्भाव से रहते आए हैं। 

उन्होंने कहा,इस्लामी गणतंत्र ईरान भी इसी सिद्धांत के तहत कभी किसी युद्ध का आरंभकर्ता नहीं रहा, हालाँकि हर प्रकार की आक्रामकता का पूरी शक्ति से मुकाबला करता है। दूसरों पर आक्रमण करना न तो ईरान की सैन्य रणनीति का हिस्सा है और न ही उसकी राजनीतिक कूटनीति का।

इस्लामी सलाहकारी असेंबली के पूर्व सदस्य ने कहा,महान नेता ने युद्ध के सभी चरणों को कुशलता से संभालते हुए दुश्मन को पीछे धकेला, राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया और इस्लामी योद्धाओं का मनोबल बढ़ाया।

उन्होंने आगे कहा,अमेरिकी राष्ट्रपति, जो एक जुआरी और झूठा व्यक्ति है, उसकी ओर से नेता (रहबर) के प्रति अपमानजनक टिप्पणियाँ, वली-ए फकीह की उस अद्वितीय नेतृत्व क्षमता के कारण हैं, जो उन्होंने युद्ध के दिनों में प्रदर्शित की। दुश्मन जितना अधिक क्रांति के नेता के प्रभावशाली चरित्र को देखता है, उतना ही अधिक अपमान और अश्लील भाषा का उपयोग करता है, ताकि अपनी शर्मनाक हार को सही ठहरा सके।

हुज्जतुल इस्लाम मीर ताजुद्दीनी ने कहा,महान नेता इमाम ख़ुमैनी (रह) के आंदोलन की निरंतरता के रूप में, ईरानी राष्ट्र की गरिमा और सम्मान को सशक्त बनाने का माध्यम बने हैं आज मध्य पूर्व और पूरी दुनिया की नज़रें ईरानी राष्ट्र के व्यवहार पर केंद्रित हैं। उनके बुद्धिमान नेतृत्व के कारण ईरान ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की है और वैश्विक स्तर पर अपना स्थान ऊँचा किया है।

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