हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हुसैन रेदाई ने शहीदाने इक़तिदार के जनाज़े में ईरानी अवाम की भव्य शिरकत की ओर इशारा करते हुए कहा,इस शानदार भागीदारी की जड़ें इमाम और उम्मत के बीच गहरे रिश्ते में निहित हैं, जैसा कि जनता ने आयतुल्लाह अली ख़ामेनई की पैरवी करते हुए ज़ायोनी दुश्मन को एक ऐतिहासिक शिकस्त दी है।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हुसैन रेदाई ने तेहरान में शहीद-ए-इक़्तेदार के जनाज़े में ईरानी जनता की ऐतिहासिक भागीदारी पर आभार जताते हुए कहा,मुहर्रम 1447 हिजरी की दूसरी तारीख ईरानी जनता के गौरवशाली इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से दर्ज हो चुकी है। इस विशाल जनसैलाब ने दुश्मनों को हैरान कर दिया और इस्लामी क्रांति के मित्रों को खुशी व आशा से भर दिया।
मजलिस-ए-ख़ुबरगान के सदस्य ने कहा कि तेहरान में शहीदों के जनाज़े में जनता की भारी भीड़ ने ईरानी राष्ट्र की एकजुटता और क्रांतिकारी भावना को फिर से साबित कर दिया। उन्होंने इसे इमाम और उम्मत के अटूट रिश्ते की अभिव्यक्ति बताया।
उन्होंने कहा,जैसे ही युद्ध शुरू हुआ, जनता पहले से अधिक एकता के साथ खड़ी हो गई और विजय के रास्ते खोल दिए। यह अद्वितीय एकजुटता शहीदों के जनाज़े में साफ़ देखी जा सकती थी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले 47 वर्षों में ईरान की निरंतर सफलता का रहस्य वली-ए-फकीह और जनता के बीच मजबूत संबंध में छिपा है। आज की इस जीत को समझने के लिए यह कहना उचित है कि सब शरीक थे।
उन्होंने कहा कि दुश्मन की हर चाल ईरानी राष्ट्र की एकजुटता को और मजबूत करती है। यह जनता और नेतृत्व के बीच अटूट विश्वास का परिणाम है।
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