शुक्रवार 18 जुलाई 2025 - 23:29
उम्मते इस्लामी को सीरिया में इजरायल की आक्रामकता के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए

हौज़ा / विश्व मुस्लिम विद्वान संघ ने एक बयान जारी करके सीरिया के खिलाफ इज़राईली शासन के आक्रमण के प्रति इस्लामी दुनिया की एकजुट प्रतिक्रिया की मांग की है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , विश्व मुस्लिम विद्वान संघ ने एक बयान में हाल ही में दमिश्क पर जायोनी शासन के हमले की निंदा की है और इसे इस्लामी उम्मात की गरिमा का खुला उल्लंघन तथा अरबों और मुसलमानों के सम्मान पर गहरा आघात बताया है।

संघ ने इस हमले को प्रतीकात्मक और रणनीतिक परिणामों के मामले में अभूतपूर्व बताया और चेतावनी दी कि अरब राजधानियों, विशेष रूप से दमिश्क, को लगातार निशाना बनाना सिर्फ एक सैन्य हमला नहीं, बल्कि इस्लामी दुनिया के गौरव और अंतरात्मा पर एक मनोवैज्ञानिक हमला है।

संघ ने अपने बयान में इस्लामी और अरब देशों के नेताओं से तत्काल एक आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया ताकि जायोनी शासन द्वारा इस्लामी उम्मा की गरिमा के साथ खिलवाड़ को रोका जा सके।

बयान में कहा गया है,एकजुट रुख अपनाना एक विकल्प नहीं, बल्कि एक जरूरत है, क्योंकि इस्लामी उम्मात की गरिमा दिन-दहाड़े रौंदी जा रही है।

संघ ने सीरिया की संक्रमणकालीन सरकार से विवेक, न्याय और संयम के साथ कार्य करने का आग्रह किया, खासकर दक्षिणी सुवैदा क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की स्थिति में हैं।

विश्व मुस्लिम विद्वान संघ ने उन लोगों को जवाबदेह ठहराने की मांग की, जो संघर्ष भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, और चेतावनी दी कि हथियारों का इस्तेमाल सिर्फ कब्जाधारियों के खिलाफ होना चाहिए, न कि देश के भीतर नफरत फैलाने के लिए, चाहे वह द्रुज हों या सुन्नी।

बयान में कहा गया है कि सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोई भी कोशिश जायोनी शासन के एजेंडे को ही सेवा प्रदान करती है।

संघ ने सीरिया के प्रमुख विद्वानों और धार्मिक-राष्ट्रीय नेताओं से तत्काल एक बैठक बुलाकर सीरिया के विभिन्न समुदायों, खासकर द्रुज और सुन्नियों के बीच मतभेदों को दूर करने और वास्तविक सुलह की दिशा में प्रयासों का नेतृत्व करने का आग्रह किया हैं।

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