हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तिबयान कुरानिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के महानिदेशक, हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन आगा सय्यद आबिद हुसैनी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा है कि कल से भारतीय मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अखबारों में इस्लामी गणतंत्र ईरान के आध्यात्मिक नेता, इस्लामी क्रांति के नेता, हज़रत अयातुल्ला सैय्यद अली ख़ामेनेई के ख़िलाफ़ अपमानजनक सामग्री का प्रकाशन बेहद खेदजनक और निंदनीय है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय मीडिया और अखबारों में इज़राइली एजेंसियों के अपमानजनक बयान का प्रकाशन हास्यास्पद है; यह कदम न केवल अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक शिष्टाचार के विरुद्ध है, बल्कि ईरान और भारत के हज़ारों वर्षों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों और साझा सभ्यतागत विरासत की भी अनदेखी करता है।
उन्होंने आगे कहा कि हम इस बात पर ज़ोर देते हैं कि बाहरी तत्वों के ऐसे नकारात्मक प्रयासों से दोनों देशों के बीच स्थायी शांति और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक संबंधों पर असर नहीं पड़ना चाहिए। इज़राइली एजेंट ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित लोगों के लिए भारतीय लोगों के समर्थन को लेकर भी लोगों को परेशान करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह उन लोगों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जो विशेष रूप से शिया राष्ट्र और सामान्य रूप से सभी मुसलमानों के धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं का अपमान करते हैं और जो राष्ट्रीय एकता को कमजोर करते हैं और मित्र देशों के खिलाफ घृणित सामग्री फैलाते हैं।
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