गुरुवार 21 अगस्त 2025 - 14:16
हर वह बात जो एकता और अखंडता को नुकसान पहुँचाए, वास्तव में वह इज़राइल और अमेरिका के साथ सहमति और विचारों में एकरूपता है

हौज़ा / जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा एल्मिया क़ुम ने कहा,कुछ सादे अंदेश फ़रद जो अपने तैं सियासी फ़हमओ-इद्राक का दावा करते हैं वो फ़रेबकारी से काम लेते हुए इमाम और रहबर-ए-मोअज़्ज़म को पसपाई और दुश्मनों से समझौता करने की दावत देते हैं और इसलाह़-ओ-मंसूबा बंदी की बात करते हैं और दुश्मनों के साथ मिल कर मुल्क को नज़ाम के साथ मुफाहिमत करने का मशवरा देते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा एल्मिया क़ुम ने "जिब्हा-ए-इसलाह़ात" के बयान पर रदअमल देते हुए कहा, अफ़सूसनाक है कि यह सियासी धारा अब भी दुश्मन के ख़ौफ़ और रअब्ब के ज़ेरे असर तबदीली और तस्लीम का नुस्खा पेश कर रही है और दुश्मनों की ज़ालिमाना और मज़मूम कारवाईयों से इबरत हासिल नहीं करती इस बयान निम्नलिखित है:

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इनक़ेलाब-ए-इस्लामी-ए-ईरान ख़ुदावंद की ग़रानक़द्र नेमतों में से एक है जो अवाम की हिमायत, हमराही, इस्तक़ामत और पायदारी से इस्लामी नज़रीयात पर कायम रह कर, हुकूमत-ए-करीमा-ए-महदवी के तहक़ीक़ का ज़मीन साज़ बनेगा, इंशाअल्लाह।

ईरान के मोमिन-ओ-मुजाहिद अवाम ने सालों साल इस्लामी नज़ाम के साथ फितना-आलूद हावादिस और सियासी, इक़तिसादी और अमनिती तोफ़ानों में सब्र-ओ-बसीरत के ज़रिये अपनी वलायतदारी को साबित किया है और अपने इमाम का हक़ एक शाइस्ता उम्मत के तौर पर अदा किया है।

अब जबकि ईरान ने दुश्मन-शिकंज़ा तोड़ने वाला और मुतक़द्दर चेहरा के साथ साहियोनी मजरमों की जार्हियात का मुकाबला किया और एक मसलुब करदा जंग के पासम्नजर में बेनज़र इंतीजाम और वाहदत-ए-मिल्लि का जलवा दिखाया, कुछ सादे और नाफहम लोग दुश्मनों के हम-आवाज़ हो कर मीलत-ए-इस्लामिया को इस्तिक़बारी हुक्मराँ नज़ाम के सामने तस्लीम होने और समझौता करने का मशवरा दे रहे हैं।

ये सादे अंदेश फ़रद जो सियासी बसीरत का दावा रखते हैं, इमाम और रहबर-ए-मोअज़्ज़म को पसपाई और दुश्मनों से समझौता करने की दावत देते हैं और इसलाह़-ओ-मंसूबा बंदी की बात करते हैं और दुश्मनों के साथ मिलकर मुल्क को उनके नज़ाम के साथ मुफाहिमत करने का मशवरा देते हैं।

जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा एल्मिया क़ुम अवाम को मुतनबिह करते हुए ऐलान करता है:

हर वो बात या कलाम जो वाहदत-ए-मिल्लि और दाख़ली इत्तिहाद और इंसराम को नुक़सान पहुँचाए, दरहक़ीक़त इसराइल और अमेरिका के साथ हमराही और हमफ़िक्ऱी है।

रहबर-ए-मोअज़्ज़म-ए-इनक़ेलाब मेहरबान वाहदत और इक़दतर और इंसराम-ए-मिल्लि के मुहाफिज़ हैं और मिलत-ए-ईरान वलायत-ए-फकीह की नेमत के साथ कभी इंहिराफ़ और सस्ती के रास्ते पर नहीं चलेगी बल्कि हमेशा अपनी बसीरत के साथ इस्लाम-ए-नाब पर साबित कदम रहेगी।

रहबर-ए-मोअज़्ज़म को कमज़ोर करने, इनक़ेलाबी इदारों जैसे शूरा-ए-निगाहबान, बसीज, स्पाह पर हमला करने और मुल्क की इल्मी पिश्रफ्त, एटमी तवानी और दिफ़ाअी सलाहितों को नजरअंदाज़ करने की रविश किसी नतीजे तक नहीं पहुंचेगी।

मुल्क-ए-ईरान ख़ुदा की नसरत और हज़रत वली-ए-असर की तवज्जुहात के साये में हमेशा सरफ़राज़ और सरबलंद रहेगा और तारीख उन वाहदत-शिकन बयानात को जो हसास तरीन लमहात में मुनाफ़ा-ए-मिल्लि के खिलाफ सादर हुए, कभी फरामूश नहीं करेगी।

«وَ قُلِ اعْمَلُوا فَسَیَرَی اللهُ عَمَلَکُمْ وَ رَسُولُهُ وَ الْمؤْمِنُونَ» (توبه:۱۰۵)

जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा एल्मिया क़ुम

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha