हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अल्लामा सय्यद जवाद नकवी ने पिछले दिनों लाहौर में जुमआ के समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कतर अमेरिका का अड्डा है, तो कतर पर नहीं, बल्कि हमास पर हमला है और हमास जहां भी मौजूद है, वह खतरे में है। प्रतिरोध करने वाला ही मोमिन है, जबकि प्रतिरोध के अलावा जिसे यह शांति कहते हैं, वह वास्तव में इजरायल को मान्यता देने की रणनीति और अपमान को स्वीकार करना है।
उन्होंने आगे कहा कि कतर, मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात का इस्तेमाल इजरायली प्रतिरोध को खत्म करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है, सात अरब देशों को इजरायल की रक्षा के लिए चुना गया है, अरब शासकों की नजर में हमास के प्रतिरोध का अंत एक जरूरत है और यही उनकी राजनीति की सच्चाई है।
अल्लामा सैयद जवाद नक़वी ने कहा कि अमेरिका और इजरायल अपने नए खेल खेलने की तैयारी में हैं और इस तरफ मुस्लिम शासक सभी अपमान के रास्ते को मुक्ति समझे बैठे हैं। मुस्लिम शासक चाहते हैं कि अपमान के जरिए मुसलमानों को बचाया जाए, हालांकि यह पूरी तरह से धोखा है, चुप और समझौता करने वाली सेना वास्तव में अपमान की सेना है और वह दुश्मन का साथी है।
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