हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह हदीस किताब "ग़ेरर-अल-हिकम" से ली गई है। हदीस का पाठ इस प्रकार है:
قال امیر المؤمنین امام علی علیه السلام:
الذُّنوبُ الدّاءُ، وَ الدَّواءُ الاِستِغفارُ، وَ الشِّفاءُ أن لا تَعودَ.
हज़रत अली (अ) ने फरमाया:
"गुनाह बीमारी है, और इसकी दवा इस्तिग़फार (माफी माँगना) है, और शिफा इसमे है कि तुम दोबारा वह गुनाह न करो।"
ग़ेरर-अल-हिकम, हदीस 1890
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