गुरुवार 16 अक्तूबर 2025 - 07:06
अमेरिका इराक़ मे प्रतिरोध के लोकप्रिय प्रभाव से भयभीत है

हौज़ा / कताइब सय्यदुश शोहदा इराक के क़ुम स्थित सांस्कृतिक प्रतिनिधि ने कहा कि अमेरिका ने इस आंदोलन पर इसलिए पाबंदी लगाई है क्योंकि इसे जनता का समर्थन प्राप्त है और वॉशिंगटन को डर है कि इराक के आने वाले चुनावों पर प्रतिरोध का असर पड़ेगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कताइब सय्यदुश शोहदा इराक के क़ुम स्थित सांस्कृतिक प्रतिनिधि हसन अल-एबादी ने कहा कि अमेरिका ने इस आंदोलन पर इसलिए पाबंदी लगाई है क्योंकि इसे जनता का समर्थन प्राप्त है और वॉशिंगटन को डर है कि इराक के आने वाले चुनावों पर प्रतिरोध का असर पड़ेगा।

हसन अल-एबादी ने बताया कि इस संगठन के उद्देश्यों में प्रतिरोध के विचार को बढ़ावा देना, विश्वविद्यालयों और धार्मिक स्कूलों में प्रतिरोधी मोर्चे की आवाज़ पहुँचाना, पुस्तक मेलों और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों में भाग लेना, प्रतिरोध से जुड़ी नई किताबों के प्रकाशन कार्यक्रम और शहीदों की याद में आयोजित समारोह शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान की समर्थन करना एक धार्मिक और वैचारिक कर्तव्य माना जाता है। सर्वोच्चन नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई को प्रतिरोध आंदोलन का नेता माना जाता है, और उनसे जुड़ाव कताअिब सैय्यदुश शोहदा के मुजाहिदीन के लिए सम्मान की बात है।

हसन अल-अब्बादी ने 12-दिनी जंग का ज़िक्र करते हुए बताया कि उन दिनों तेहरान में स्थित कताअिब सैय्यदुश शोहदा के मौक़िब पर सीधा हमला किया गया, लेकिन दुश्मन नाकाम रहा। इसी दौरान संगठन के एक कमांडर हैदर अल-मूसवी ईरान की यात्रा पर थे, जहाँ उन पर हमला हुआ और वे शहीद हो गए।

उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा कताअिब सैय्यदुश शोहदा पर पाबंदी का असली कारण इराकी जनता में इस आंदोलन की गहरी सामाजिक पकड़ है। इसी वजह से अमेरिका राजनीतिक दबाव के ज़रिए जनता से जुड़े इन समूहों के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश कर रहा है।

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