हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हौज़ा ए इल्मिया खुरासान के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन अली ख़य्यात ने इराक़ की यात्रा और आयतुल्लाह मिर्ज़ा नाईनी की अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के अवसर पर बातचीत के दौरान वैश्विक स्तर पर धार्मिक शिक्षा केंद्रों की उपस्थिति को अनिवार्य बताया।
उन्होंने कहा, धार्मिक शिक्षा केंद्रों का मिशन और ज़िम्मेदारी इस्लाम का वैश्विक मिशन है, जो किसी विशेष राष्ट्र या शहर तक सीमित नहीं है। इसलिए वैश्विक मंच पर उनकी सक्रिय भागीदारी एक निश्चित और अत्यंत आवश्यकता है।
हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन अली ख़य्यात ने कहा,इस्लाम का संदेश एक प्राकृतिक, आकर्षक और सार्वभौमिक संदेश है जो हर स्वतंत्र सोच रखने वाले व्यक्ति को आकर्षित करता है। इसी तरह इस्लामी क्रांति का संदेश, जो शुद्ध इस्लाम से लिया गया है, आज दुनिया में ध्यान का केंद्र है और इसमें वैश्विक स्तर पर लोगों को आकर्षित करने की बड़ी क्षमता है।
ख़ुरासान धार्मिक शिक्षा केंद्र के प्रमुख ने इस केंद्र की आंतरिक क्षमताओं की ओर इशारा करते हुए कहा,यह धार्मिक शिक्षा केंद्र शैक्षणिक ऊर्जा और अपनी क्षमता के मामले में एक विशिष्ट स्थान रखता है। यहां के कई छात्र अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं से परिचित हैं और सक्रिय शैक्षणिक केंद्र इस मार्ग में प्रभावी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। ये सभी तत्व अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में धार्मिक शिक्षा केंद्रों के प्रभाव में वृद्धि कर सकते हैं।
हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन ख़य्यात ने अंत में कहा, इन क्षमताओं का पूरा उपयोग और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक केंद्रों एवं मंचों के साथ सकारात्मक संवाद धार्मिक शिक्षा केंद्रों के वैश्विक मिशन की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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