हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के एक प्रतिनिधि के अनुसार, इस्लामी गणराज्य ईरान के तेहरान में 32वीं अंतर्राष्ट्रीय पवित्र कुरान प्रदर्शनी में, सेमिनरी के शैक्षणिक केंद्रों और संघों के सचिवालय के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहम्मद रजा बर्ता ने हौज़ा न्यूज स्टाल का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कुरान के वैश्विक प्रचार-प्रसार, आधुनिक मीडिया की भूमिका तथा इस तरह की शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनियों के महत्व पर चर्चा की।
प्रश्न: 32वीं अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रदर्शनी में भाग लेने के बारे में आपकी क्या राय है?
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुहम्मद रजा बर्ता: यह प्रदर्शनी वैश्विक स्तर पर कुरान की महानता और उसके संदेश को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट अवसर है। विभिन्न देशों के विद्वानों, प्रकाशकों और कुरान में रुचि रखने वाले लोगों की भागीदारी यह साबित करती है कि कुरान का संदेश सीमित नहीं है बल्कि एक सार्वभौमिक मार्गदर्शन है।
यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान का एक उत्कृष्ट माध्यम भी है, जहां हर देश और हर भाषा के लोग कुरान की शिक्षाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
प्रश्न: यदि इसी प्रकार की कुरान प्रदर्शनी किसी अन्य देश में आयोजित की जाए तो किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए?
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुहम्मद रजा बर्ता: यदि हम चाहते हैं कि पवित्र कुरान का संदेश दुनिया तक प्रभावी ढंग से पहुंचे, तो निम्नलिखित मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक है:
- सांस्कृतिक संवेदनशीलता: हर देश की अपनी परंपराएं और संस्कृति होती है, इसलिए प्रदर्शनी का आयोजन वहां के जनमानस के मूड को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
- प्रभावी अनुवाद और व्याख्या: कुरान के संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए, स्थानीय भाषाओं में सर्वोत्तम अनुवाद और व्याख्या प्रदान की जानी चाहिए।
- आधुनिक तकनीक का उपयोग: डिजिटल स्क्रीन, इंटरैक्टिव सत्र, वर्चुअल टूर और आधुनिक साधनों के माध्यम से कुरान के संदेश को अधिक आकर्षक और समझने योग्य बनाया जा सकता है।
- वैश्विक भागीदारी: विभिन्न देशों के विद्वानों और कुरान विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि यह प्रदर्शनी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी हो सके।
- सोशल मीडिया की ताकत: आज के युग में सोशल मीडिया बहुत महत्वपूर्ण है। यदि इस प्रदर्शनी को सफल बनाना है तो इसका पूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए ताकि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।
प्रश्न: आधुनिक युग में धार्मिक छात्रों के लिए मीडिया से जुड़ना कितना महत्वपूर्ण है?
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुहम्मद रजा बर्ता: आज के युग में मीडिया एक प्रभावी और शक्तिशाली माध्यम बन गया है जो न केवल सूचना प्रदान करता है बल्कि जनमत को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे मीडिया की शक्ति को समझें और उसका सही उपयोग करें।
मीडिया से जुड़ने के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- कुरानिक संदेश का व्यापक प्रसार: इस्लामी शिक्षाओं को मीडिया के माध्यम से अधिक संख्या में लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।
- आधुनिक समय की आवश्यकताएं: आज की पीढ़ी अपनी अधिकांश जानकारी मीडिया से प्राप्त करती है, इसलिए यदि धार्मिक छात्र इस क्षेत्र में सक्रिय हों, तो वे इस्लाम की सही तस्वीर प्रस्तुत कर सकेंगे।
- गलतफहमियों को दूर करना: इस्लामी शिक्षाओं के बारे में आपत्तियों और गलतफहमियों का जवाब मीडिया के माध्यम से तर्क के साथ दिया जा सकता है।
- संचार कौशल में वृद्धि: मीडिया के साथ जुड़ने से धार्मिक छात्रों में प्रभावी बोलने और लिखने के कौशल को सुधारने में मदद मिलती है, जिससे वे धर्म की अधिक प्रभावी ढंग से सेवा करने में सक्षम होते हैं।
हालाँकि, मीडिया के उपयोग में सावधानी, ईमानदारी और नैतिक सिद्धांतों का पालन आवश्यक है, क्योंकि मीडिया केवल एक साधन है, इसका सही और सकारात्मक उपयोग ही हमारा वास्तविक लक्ष्य होना चाहिए।
इस विशेष संवाद में, हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन मुहम्मद रजा बार्ता ने कुरान के संदेश की सार्वभौमिकता, कुरान प्रदर्शनियों के आयोजन के सिद्धांतों और धार्मिक छात्रों के लिए मीडिया के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार, दुनिया भर में कुरान की शिक्षाओं को प्रभावी ढंग से फैलाने के लिए आधुनिक साधनों और मीडिया का उचित उपयोग आवश्यक है। यह प्रयास न केवल मुसलमानों के लिए बल्कि समस्त मानवता के लिए मार्गदर्शन का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
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