हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इजरायल में प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ विरोध की लहर तेज हो गई है, जहां विभिन्न शहरों में हजारों इजरायली नागरिकों ने प्रदर्शन करते हुए अपने शासकों से जवाबदेही और 7 अक्टूबर की विफलताओं पर आधिकारिक जांच आयोग के गठन की मांग की है।
रिपोर्ट्स के अनुसार कब्जे वाले यरुशलम में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग के निवास के बाहर विरोध किया और नेतन्याहू को किसी भी प्रकार की राष्ट्रपति पद की माफी न देने की मांग की।
इसी तरह तेल अवीव, हाइफा और बीयर शेवा में भी प्रदर्शन हुए, जहां मारे गए इजरायलियों और पूर्व कैदियों के परिजनों ने अधिकारियों से मांग की कि विफलताओं का मामला बंद करने के बजाय जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जाए।
कुछ दिन पहले इजरायली आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेत के पूर्व प्रमुख रोनन बार ने भी नेतन्याहू की कड़ी आलोचना करते हुए 7 अक्टूबर की विफलताओं पर व्यापक और आधिकारिक जांच आयोग के गठन की मांग की थी। उन्होंने कहा कि "अगर पूरे सिस्टम की जांच नहीं की गई, तो इजरायली जनता को एक और 7 अक्टूबर के इंतजार पर मजबूर कर दिया जाएगा।
नेतन्याहू ने विपक्ष द्वारा आधिकारिक जांच आयोग की मांग को खारिज करते हुए पिछले महीने 16 नवंबर को एक गैर-सरकारी और स्वतंत्र प्रकृति की समिति गठित करने की घोषणा की थी।
स्पष्ट रहे कि 7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने "ऑपरेशन अल-अक्सा तूफान" के नाम से गाजा के आसपास स्थित इजरायली सैन्य ठिकानों और बस्तियों पर हमला किया था, जिसे हमास ने फिलिस्तीनी जनता और पवित्र स्थलों, विशेष रूप से अल-अक्सा मस्जिद के खिलाफ दशकों से चल राले जायोनी अपराधों की प्रतिक्रिया बताया था।
दूसरी ओर, नेतन्याहू इस समय भी भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामलों का सामना कर रहे हैं, हालांकि वे सभी आरोपों को राजनीतिक बताते हुए अपनी बेगुनाही पर जोर देते हैं।
इजरायली अखबार जेरूसलम पोस्ट के हालिया सर्वे के अनुसार, इजरायली जनता का बहुमत नेतन्याहू को राष्ट्रपति पद की माफी देने का विरोधी है और उनका मानना है कि नेतन्याहू की सरकार भ्रष्टाचार में डूब चुकी है।
सर्वे के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत लोग किसी भी राष्ट्रपति पद की माफी के खिलाफ हैं, जबकि 41 प्रतिशत ने नेतन्याहू के सत्ता में बने रहने के लिए माफी को आवश्यक बताया।
उल्लेखनीय है कि नेतन्याहू ने इस महीने की शुरुआत में अपनी पांच साल से चल रही कानूनी कार्यवाही को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति कार्यालय में राष्ट्रपति पद की माफी की औपचारिक याचिका भी दी है।
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