हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सऊदी अरब में मस्जिद अल-हराम के ख़तीब शेख सालेह बिन हमीद ने शुक्रवार के प्रवचन में फिलिस्तीनी शोषित बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि फिलिस्तीनी बच्चे जायोनी दुश्मन के खिलाफ साहस, वीरता और दृढ़ता के व्यावहारिक उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि साहस केवल शारीरिक शक्ति का नाम नहीं है, बल्कि यह बुद्धिमत्ता, उच्च नैतिकता, मजबूत विश्वास और पवित्र चरित्र से पूर्ण होता है। साहस की मांग है कि मनुष्य उच्च महत्वाकांक्षा, नैतिक गरिमा और तुच्छ व सतही मामलों से परहेज को अपनाए।
मस्जिद अल-हराम के प्रवचनकर्ता ने आगे कहा कि धर्म और नैतिकता से जुड़ाव, अपनी जड़ों और सामाजिक पहचान पर गर्व और जिम्मेदार जीवनशैली ही वास्तविक साहस की नींव है, जबकि सतही सोच, दिखावा और सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग कमजोरी का संकेत है।
उन्होंने मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहा, अपने बच्चों को फिलिस्तीनी बच्चों से सीखने की सलाह दें, जो जायोनी दुश्मन के अत्याचार के खिलाफ साहस, दृढ़ता और बलिदान के ज्वलंत उदाहरण हैं।
शेख सालेह बिन हमीद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि फिलिस्तीन और यरुशलम हमेशा मुसलमानों और अरबों के दिलों में जीवित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि जायोनी आक्रामकता के परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों के दौरान गाजा और कब्जे वाले पश्चिमी तट पर विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं को गंभीर मानवीय त्रासदी का सामना करना पड़ रहा है।
गाजा में जारी नरसंहार के दौरान दसियों हज़ार फिलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं और लाखों बेघर हो चुके हैं, जबकि पूरा क्षेत्र विनाश और गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है।
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