हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना अली हैदर फ़रिश्ता,अध्यक्ष, मजमा उलमा व खुतबा हैदराबाद दक्कन ने एक बयान जारी कर कहा है,
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के साथ किया गया अनुचित और अनैतिक व्यवहार न केवल इस्लामी हिजाब का अपमान है, बल्कि महिलाओं के अधिकारों पर एक शर्मनाक और पक्षपातपूर्ण हमला भी है।
जानकारी के मुताबिक, 15 दिसंबर को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरित कर रहे थे। इसी दौरान जब एक मुस्लिम महिला डॉक्टर नियुक्ति पत्र लेने के लिए मंच पर आईं, तो हिजाब में देखकर मुख्यमंत्री आपे से बाहर हो गए और गुस्से में उनका हिजाब हटाने की कोशिश की।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे बिहार के मुख्यमंत्री की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है और हर स्तर पर इस घटिया हरकत की कड़ी निंदा की जा रही है।
मजमय उलमा व खुतबा हैदराबाद की ओर से हम भी नीतीश कुमार के इस गैरकानूनी, अनैतिक और निंदनीय कार्य की जोरदार शब्दों में निंदा करते हैं और उनसे तत्काल माफी मांगने की मांग करते हैं। साथ ही, बिहार के उर्दू अखबारों और राष्ट्रीय व धार्मिक नेतृत्व की रहस्यमय और समझौ तापरस्त चुप्पी पर भी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं।
हम सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों से ईमानदारी से अपील करते हैं कि वर्तमान देश की राजनीतिक माहौल और सामाजिक स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए संयम और समझदारी बनाए रखें और हर तरह की चरमपंथी प्रवृत्ति से बचें। इस्लाम मध्यम मार्ग सहिष्णुता और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाता है, न कि उग्रवाद का।
स्पष्ट है कि इस्लाम में हिजाब की अवधारणा महिलाओं के लिए पर्दा, शर्म और नैतिक सुरक्षा से जुड़ा एक अनिवार्य नियम है। हालांकि इसकी बारीक विवरण में फिक्ही मतभेद पाया जाता है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य महिला की इज्जत, गरिमा और सुरक्षा है, जिसके बारे में कुरान करीम और हदीस नबवी में स्पष्ट निर्देश मौजूद हैं।
मौलाना अली हैदर फरिश्ता
संस्थापक और अध्यक्ष,मजमए उलमा व खुतबा हैदराबाद दक्कन (तेलंगाना, भारत)
17 दिसंबर 2025
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