शुक्रवार 19 दिसंबर 2025 - 21:20
मज़मा-ए-उलेमा व ख़ोतबा मुंबई का महाना अजलास,मुस्लिम महिला डॉक्टर के अपमान पर गहरी चिंता और कड़ा विरोध

हौज़ा / मुंबई की मस्जिद-ए-ईरानियान में मज़मा-ए-उलेमा व ख़ेतबा मुंबई का मासिक अधिवेशन आयोजित हुआ, जिसमें मुंबई भर के उलमा-ए-इकराम ने भाग लिया। बैठक में बिहार में एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के अपमान की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मुंबई की मस्जिद-ए-ईरानियान में मज़मा-ए-उलेमा व ख़ेतबा मुंबई का मासिक अधिवेशन आयोजित हुआ, जिसमें मुंबई भर के उलमा-ए-इकराम ने भाग लिया। बैठक में बिहार में एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के अपमान की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।

इस अधिवेशन में उलमा-ए-इकराम ने एकजुट होकर इस निंदनीय घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

मज़मा-ए-उलेमा व ख़ोतबा मुंबई का महाना अजलास,मुस्लिम महिला डॉक्टर के अपमान पर गहरी चिंता और कड़ा विरोध

इस अवसर पर मौलाना कल्बे जाफ़र ख़ान ने उलमा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम मज़मा-ए-उलेमा की स्थापना के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए पूरी ईमानदारी से प्रयास करें, तो हमारे कई मसले हल हो सकते हैं। यह संस्था क़ौम की समस्याओं को सामने रखकर बनाई गई है और क़ौम की रहनुमाई उलमा की ज़िम्मेदारी है। इसलिए उलमा का संगठित होना न सिर्फ़ क़ौमी समस्याओं बल्कि स्वयं उलेमा के मसलों के समाधान की भी गारंटी है।

अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए जनाब फ़ैय्यज़ बाक़िर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की कोशिश पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी धर्मों को अपने मूल सिद्धांतों पर अमल करने की पूरी आज़ादी देता है, ऐसे में एक संवैधानिक पद पर रहते हुए मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रकार का आचरण संविधान का उल्लंघन है।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि नीतीश कुमार को तुरंत क़ौम और देश से माफ़ी मांगनी चाहिए, ताकि यह घटना शरारती तत्वों के लिए उदाहरण न बन सके।

इसके अतिरिक्त बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा हुई:बैठक में पारित प्रस्तावों की समीक्षा अगली माह की बैठक में की जाएगी।

मज़मा-ए-उलमा व ख़ोतबा के सभी सदस्यों के लिए संस्था की ओर से पहचान पत्र (आईडी कार्ड) बनाए जा रहे हैं; अतः सभी सदस्य अपना कार्ड बनवाएं।

मज़मा-ए-उलेमा व ख़ोतबा मुंबई का महाना अजलास,मुस्लिम महिला डॉक्टर के अपमान पर गहरी चिंता और कड़ा विरोध

उलमा के लिए संदूक़-ए-क़र्ज़-ए-हसना  की व्यवस्था फिर से शुरू की जाएगी, जिसका अंतिम एलान पदाधिकारियों की बैठक के बाद किया जाएगा।

हर वर्ष की तरह इस बार भी रमज़ान माह में धार्मिक कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।इन सभी प्रस्तावों को मज़मा के सभी सदस्यों ने स्वीकार किया और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

बैठक में भाग लेने वाले उलमा-ए-इकराम के नाम इस प्रकार हैं:
मौलाना फ़ैय्यज़ बाक़िर साहब, मौलाना कल्बे जाफ़र ख़ान साहब, मौलाना गुलाम असकरी साहब, मौलाना अज़ादार सज्जादी साहब, मौलाना नज़र अब्बास साहब, मौलाना नज़ीर हसन साहब, मौलाना करार ख़ान साहब, मौलाना आफ़ताब साहब, मौलाना मुहम्मद हैदर साहब, मौलाना रेहान साहब, मौलाना ज़ुल्फ़िकार हैदर कर्बलाई, मौलाना सरवर साहब, मौलाना मुहम्मद जाफ़र मेहदी, मौलाना हसन अब्बास साहब, मौलाना मुहम्मद मेहदी साहब, मौलाना असगर साहब, मौलाना मुहम्मद यूसुफ़ आज़मी, मौलाना साजिद अली साहब और मौलाना हसन हमज़ा साहब।
 

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