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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग -32
इमामत का सिस्टम, इलाही और कभी समाप्त ना होने वाला सिस्टम है
हौज़ा / इमामत का सिस्टम अल्लाह का सिस्टम का बनाया हुआ सिस्टम है, जो कभी खत्म नहीं होता और इसमें कोई रुकावट या खाली समय नहीं आता। हर समय और हर युग में यह सिस्टम मौजूद रहा है; पैगम्बर (स) के समय से लेकर अब तक यह बना हुआ है और आगे भी जब तक दुनिया है, बना रहेगा।
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कुरान में इमाम हुसैन (अ) की अज़ादारी
हौज़ा / सय्यद अल-शोहदा (अ) और अन्य अहले-बैत (अ) की अज़ादारी का एक ऐतिहासिक प्रथा से कहीं अधिक है, यह कुरान और सुन्नत मासूमीन (अ) में गहरे वैचारिक और शैक्षिक सिद्धांतों पर आधारित एक आध्यात्मिक और धार्मिक प्रथा है। हालाँकि पवित्र कुरान में सीधे तौर पर "इमाम हुसैन की अज़ादारी" का शीर्षक नहीं है, लेकिन इसके सिद्धांत और आधार कुरान की कई आयतों में मौजूद हैं।
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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग -3۱
दुआओं में इमाम मेहदी (अलैहिस्सलाम) के मक़ाम और दर्जे
हौज़ा / इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के दर्जों और उनके महत्व की ओर ध्यान देना, इंसानों को अल्लाह तआला के और करीब ला सकता है।
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मुहर्रम 1447 हिजरी के महीने के अवसर पर मुबल्लेग़ीन और ज़ाकेरीन की सेवा में कुछ गुज़ारिशात
हौज़ा / अज़ादारी के महीने के अवसर पर, इमाम अली (अ) फाउंडेशन ने मिम्बर हुसैनी के मुबल्लेग़ीन को निम्नलिखित निर्देश और सलाह पेश की है।
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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग -30
दुआओं में इमाम महदी (अलैहिस सलाम) की विशेषताएँ
हौज़ा / इमाम महदी अलैहिस सलाम की विशेषताओं और फ़ज़ीलतो पर ध्यान देना, उनके साथ हमारे संबंध को और मजबूत और बेहतर बना सकता है।
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अज़ादारी, दर्से मारफ़त और मार्गदर्शन की एक किरण
हौज़ा/ क्या आशूरा को सिर्फ़ एक ऐतिहासिक और राजनीतिक घटना के रूप में देखना संभव है, जबकि इसके भावनात्मक पहलुओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है? मारफ़त और भावनाओं के बीच सामंजस्य आशूरा के संदेश के अस्तित्व और इसके प्रभाव की स्थायित्व में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इस विषय को इस चर्चा में समझाया गया है।
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अली (अ) की संतान आज भी उत्पीड़ितों के रक्षक और असत्य के लिए भय का प्रतीक हैं
हौज़ा/ क्या आज भी वह समय नहीं आया है कि मुस्लिम उम्माह अली (अ) और उनकी संतानो के बलिदानों और नेतृत्व को पहचाने? क्या यह पर्याप्त नहीं है कि हर युग में, हर जगह, अली (अ) के उत्तराधिकारियों ने हर उत्पीड़ित व्यक्ति के पक्ष में अपनी आवाज़ उठाई है?
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पूरब से उगता सूरज! ईरान की जीत; इस्लामी दुनिया की महानता की क्रमिक बहाली की शुरुआत
हौज़ा/आज, जब इतिहास के पन्ने पलटे जाते हैं, तो एक आकर्षक और अद्भुत परिदृश्य उभरता है जो सत्य और असत्य के बीच सदियों पुराने संघर्ष को दर्शाता है। एक ओर, "ज़ायोनी मशीनरी" अपनी सारी सैन्य शक्ति और आधुनिक युद्ध मशीनरी के बावजूद "अपमान की धूल" में गिर गई है, जबकि दूसरी ओर, ईरान का "लौह संकल्प" आध्यात्मिकता और विज्ञान के सुंदर संयोजन के माध्यम से स्टील के रूप में उभरा है।
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सुप्रीम लीडर केवल अली (अ) के शियो के नेता नही हैं, बल्कि डेढ़ अरब मुसलमानों के दिल की धड़कन हैं
हौज़ा/लंबे समय तक, हम सुन्नियों को इस दिव्य नेता से दूर रखने के लिए सचेत प्रयास किए गए। हमारे बीच न्यायशास्त्रीय, सांप्रदायिक और ऐतिहासिक दीवारें खड़ी की गईं, हमें इस महान व्यक्तित्व से दूर रहने के लिए राजी किया गया, जिसका हर शब्द कुरान की व्याख्या था, हर कार्य अल्लाह के रसूल (स) के नैतिकता का प्रतिबिंब था, और हर चुप्पी उत्पीड़ितों की पुकार सुनने का उदाहरण थी। लेकिन अब समय का रुख बदल गया है।
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हमारी चेतना का सीमित स्तर और आशूरा के उच्च लक्ष्य
हौज़ा/ मैं सोचता था कि इमाम हुसैन की कुर्बानी का उद्देश्य शायद यह था कि हम इमाम को ज़्यादा से ज़्यादा याद करें, अज़ादारी करे और रोएँ।
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ईरान-इजराइल युद्ध; ग़ासिब इजराइल की हार की कैफ़ीयत
हौज़ा / युद्ध में जीत और हार के मानदंड युद्ध के लक्ष्यों पर निर्भर करते हैं। यदि वे लक्ष्य प्राप्त हो जाते हैं, तो व्यक्ति विजेता कहलाता है। ईरान और इजराइल के बीच अभी तक शांति नहीं है, लेकिन एक अस्थायी युद्धविराम है। इस मामले में थोपी गई शांति की आवश्यकता नहीं है। युद्धविराम दोनों पक्षों के लिए सांस लेने का एक मौका है, लेकिन यदि युद्धविराम होता भी है, तो इजराइल अवसर का लाभ उठाकर फिर से हमला करेगा। दुनिया इस ग़सब करने वाले पर एक क्षण भी भरोसा नहीं करती, इसका सबूत ऐतिहासिक अनुभव है।
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12 दिवसीय युद्ध; ग़ासिब इजरायल की स्पष्ट हार के साथ ईरान में हमने क्या देखा?
हौज़ा / क़तर की मध्यस्थता में, खुद शैताने बुज़ुर्ग अमेरिका के अनुरोध पर, ग़ासिब इजरायल द्वारा इस्लामी गणराज्य ईरान पर आक्रमण करने के 12 दिन बाद युद्ध विराम की घोषणा की गई थी।
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तीन सुनहरी नसीहतें; आयतुल्लाह शाहाबादी की ज़ुबान ए हिकमत से
हौज़ा / मरहूम आयतुल्लाह शाहाबादी ने इंसानी कमाल और आत्मिक सुकून तक पहुँचने के लिए तीन बुनियादी उसूलों की नसीहत फरमाई है जो एक सम्मानजनक और आध्यात्मिक जीवन की सीढ़ी हैं।
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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग -29
महदवी दुआएँ और ज़ियारते
हौज़ा/ इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) की ग़ैबत के दौरान उनके अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों और दस्तावेजों में से एक दुआ और इमाम के साथ इरतेबात है ताकि उन्हें भुलाया न जाए और उनके साथ स्मरण, दुआ और ज़ियारत के रूप में उनसे जुड़े रहे।
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क्या अमेरिका और इजराइल अपनी उद्देश्यो में सफल हुए?
हौज़ा/पहली बार किसी इस्लामिक देश ने इजराइल और अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय शासन को, या यूं कहें कि उनके अत्याचार को सीधे चुनौती दी। अतीत में हुए अरब-इजरायल युद्ध लगभग एकतरफा थे, और प्रत्येक युद्ध में इजराइल ने इस्लामिक देशों की जमीनें जब्त कीं और विजयी हुआ।
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मजमा उलेमा वाएज़ीन पूर्वांचल:
ईरान ने दुनिया में अपनी हिम्मत और दृढ़ता साबित कर दी है और जीत और विजय का नया कीर्तिमान स्थापित किया है
हौज़ा /आज लाखों शांतिप्रिय और अमनपसंद लोगों को यह खुशखबरी सुनकर बहुत राहत और खुशी हुई होगी कि ईरान और इजरायल के बीच करीब दस दिनों से चल रहा युद्ध अब रुक गया है या बंद हो गया है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच ‘पूर्ण युद्ध विराम’ का दावा किया है, लेकिन इजरायल और ईरान ने अभी तक युद्ध विराम की पुष्टि नहीं की है।
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किसी भी देश के लिए आंतरिक शत्रुओं से पूर्ण रूप से टकराव अपरिहार्य है
हौज़ा/ किसी भी देश या राष्ट्र को दो तरह के शत्रुओं का सामना करना पड़ता है। एक बाहरी शत्रु; यह शत्रु सभी के लिए स्पष्ट है और एक आंतरिक शत्रु जो मित्र के वेश में राष्ट्र या देश को नुकसान पहुँचाता है।
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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग -28
महदवीयत के झूठे दावेदार
हौज़ा / प्रत्येक शिया वज़ीफे से अवगत है कि विशेष प्रतिनिधि का दावा करने वालो को झुठलाए और इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाने वालो और दुनिया तलब लोगो के लिए रास्ता बंद करें।
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इज़रायली शासन की बुनयाद ही ज़ुल्म है, आलमी ज़मीर को बेदार होना होगाः डॉ. सय्यद अब्बास महदी हसनी
हौज़ा / क़ुम अल मुक़द्देसा मे रहने वाले भारतीय शिया धर्मगुरू, मौलाना डॉ. सय्यद अब्बास महदी हसनी से हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के पत्रकार ने इज़रायली शासन की हाल के दिनो मे अतिक्रमण और क्षेत्र की बदलते हालात पर विशेष बातचीत की।
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ईद ए मुबाहिला/सच्चों की ईद
हौज़ा / यह वाक्या 10 हिजरी का है जब अरब में मौजूद एक इलाक़ा जिसको नजरान के नाम से जाना जाता था वहाँ के ईसाइयों ने अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद स.ल.व.व.से हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में बहस की और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को अल्लाह का बेटा बताया पैगंबर ने उन्हें कई बार समझाया कि अल्लाह के बंदे है इसी सिलसिले को लेकर झूठ और सच के लिए मुबाहिला हुआ
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सावधान ! यहूद व नसारा किसी के दोस्त नही हो सकते, इन बच्चो को किस अपराध मे शहीद किया गया
हौज़ा / ग़ासिब इज़रायल लगभग पिछले दो वर्ष से फ़िलिस्तीन पर अवैध बमो से हमला कर रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप हज़ारो नागरिक जिन मे हज़ारो की संख्या मे बच्चे और महिलाए शहीद, जबकि बड़ी संख्या मे लापता और घायल भी है।
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विलायत इंटरनेशनल टीवी के प्रमुख की हौज़ा न्यूज़ से बातचीतः
लोग हर क्षण नए समाचार और अपडेट्स सुनना चाहते है / लोगो तक सच्चाई पहुचाना मीडिया की पहली ज़िम्मेदारी है
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अलवी ने कहा, कुरूक्षेत्र मे इंतेहाई समझदारी और चतुराई का सबूत देना चाहिए। मनोवैज्ञानिक तौर पर इन दिनो मे लोग हर क्षण नए समाचार और अपडेट्स सुनना चाहते है बस जो मीडिया सुस्त रफ़तारी से काम करेगा और अपडेट नही होगा वह बहुत पीछे रह जाएगा।
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एक ईरानी सुन्नी की बा बसीरत तकरीरः
दुनिया के सभी अहले सुन्नत अपने आप को ईरान और सुप्रीम लीडर का मक़रूज़ जानते है
हौज़ा / आज अहले सुन्नत, देश प्रेम और तअस्सुब से ऊपर उठकर इस आब व खाक, इस्लामी प्रणाली और ऐकता के ध्वजधारक नेता के साथ वफ़ादार है। फ़िलिस्तीन के अहले सुन्न्त का समर्थन और एक शफ़ीक़ बाप की भांति क़ुरबानी देने पर दुनिया के सभी अहले सुन्नत अपने आपको इस्लामी गणराज्य ईरान और सुप्रीम लीडर का मक़रूज़ जानते है।
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ईरान की हिम्मत, इजराइल की शामत!
हौजा/ईरान ने दुनिया को चौंका दिया है और इजराइल तथा उसके समर्थक ईरान की समय पर की गई कठोर प्रतिक्रिया तथा कठोर प्रतिशोध से स्तब्ध हैं। उसे पता चल गया होगा कि इजराइल, खास तौर पर नेतन्याहू, अपने दिमाग से बाहर हो गया है। उसने शीर्ष सैन्य कमांडरों की हत्या करके अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है।
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ईरान-इजराइल युद्ध; वैश्विक औपनिवेशिक शक्तियों के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा
हौजा/ पाकिस्तानी लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता मौलाना मुहम्मद बशीर दौलती ने हवजा न्यूज एजेंसी के एक रिपोर्टर से हवजा परस्त इजरायल और इस्लामी गणतंत्र ईरान के बीच युद्ध के बारे में बात करते हुए कहा कि ईरान-इजराइल युद्ध; वैश्विक औपनिवेशिक शक्तियों के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा और ईरान को विजेता घोषित किया जाएगा।
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ग़दीर, आलम ए बशारियत की फ़लाह, बेदारी और दीन की तकमील का नुक़्ता ए उरूज
हौज़ा/गदीर की घटना मानवता के इतिहास में वह महान क्षण है जिसने न केवल इस्लामी इतिहास की दिशा निर्धारित की, बल्कि संपूर्ण मानवता को मार्गदर्शन की एक प्रणाली से प्रबुद्ध किया जो कि कयामत के दिन तक मार्गदर्शन का स्रोत है।
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ईरान पर इजरायली हमला: अंतर्राष्ट्रीय कानून, भू-राजनीति और मुस्लिम उम्माह की जिम्मेदारियाँ
हौज़ा/ इजरायल का हालिया हमला सिर्फ़ सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार और नैतिकता पर हमला है। अगर दुनिया चुप रही, तो उत्पीड़न का दायरा और बढ़ेगा।
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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग -27
पैग़म्बरो, इमामो और मुखलिस मोमेनीन की रज्अत
हौज़ा / पैगंबरों, इमामों (अ) और मुखलिस मोमीनो के बारे में - हदीसों के अनुसार - कहा गया है कि वे रजअत के समय इस दुनिया में वापस आएंगे।