۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024

अज़ादारी और नमाज

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  • नमाज़ और अजादारी दोनो ही इबादत हैं

    नमाज़ और अजादारी दोनो ही इबादत हैं

    हौज़ा /  हमेशा याद रखें कुरान और हदीस सुना कर आयत और हदीस की रौशनी में इसलाह करना ही वाकई इसलाह है बाकी सब फसाद और कयास है इस लिए इस काम से दूर रहें।कौम के इत्तेहाद के लिए बहुत जरूरी है की कौम के सामने आयाते कुरानी और अहादीसे मसूमीन और सीरते मासूमीन हर वक्त पेशे नज़र रख कर ही इसलाह की जाए।

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