۱۸ تیر ۱۴۰۳
|۱ محرم ۱۴۴۶
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Jul 8, 2024
अजादारी के लिए कुर्बानी
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अज़ादारी के लिए चाहे जितनी कुर्बानी देनी पड़े देने के लिए तैयार हैं, अल्लामा शब्बीर मीसमी
हौज़ा/सरगोधा में नहजुल बलाग़ा सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय महासचिव ने कहा, कि हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक हमारा संवैधानिक और नागरिक अधिकार है, जिसे किसी भी परिस्थिति में छोड़ा नहीं जा सकता,अज़ादारी के लिए चाहे जितनी कुर्बानी देनी पड़े देने के लिए तैयार हैं।