शनिवार 26 मार्च 2022 - 15:33
अज़ादारी के लिए चाहे जितनी कुर्बानी देनी पड़े देने के लिए तैयार हैं, अल्लामा शब्बीर मीसमी

हौज़ा/सरगोधा में नहजुल बलाग़ा सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय महासचिव ने कहा, कि हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक हमारा संवैधानिक और नागरिक अधिकार है, जिसे किसी भी परिस्थिति में छोड़ा नहीं जा सकता,अज़ादारी के लिए चाहे जितनी कुर्बानी देनी पड़े देने के लिए तैयार हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जमिया अलफोरात,सरगोधा में नहजुल बलाग़ा सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय महासचिव शिया उलेमा काउंसिल पाकिस्तान अल्लामा शब्बीर मीसमी ने अपने उपदेशों के आलोक में कहां, हम सभी पर ज़रूरी है कि ज़ालिम और मज़लूम को पहचाने हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम के वसीयत के मुताबिक काम करें ।


उन्होंने कहा कि आज दुश्मन हमारे स्कूल को निशाना बना रहा है, आज दुश्मन हमें निशाना बना रहा है और हमारी मस्जिदों और इमामबाड़ों को उड़ाकर हमारे शोक को सीमित करने की साजिश कर रहा हैं। दुश्मनी यह जान ले की अज़ादारी के लिए चाहे जितनी कुर्बानी देनी पड़े देने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि अज़ादारी हमारी शीयाओं की पहचान हैं हमारा संवैधानिक और नागरिक अधिकार है, जिसे किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जा सकता और हम अज़ादारी से पीछे कभी नहीं हट सकते अज़ादारी के मामले में कोई समझौता नहीं कर सकते,

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