हौज़ा / मौलाना ने कहा कि उपमहाद्वीप में आज जहां भी उर्दू भाषा बोलने वाले लोग हैं, वहां अज़ादारी जिस रूप मे मनाई जाती है उसका खद्दो ख़ाल हजरत दिलदार अली गुफ़रान मआब ने निर्धारित किया हैं।