हौज़ा/हमारे पांचवें इमाम मुहम्मद बाकिर (अ) ज्ञान और समझदारी के वह सागर हैं जिन्हें "बाकिर-उल-उलूम" कहा जाता है, जो साइंस को बांटते हैं। उनके समय में, इस्लामिक समाज में ग्रीक फिलॉसफी और अलग-अलग…
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत 57 में क़नाअत को कभी खत्म न होने वाली दौलत बताया है। यह सीख हमें दिखाती है कि सच्चा सुकून और आज़ादी, ज़रूरत की चीज़ों पर क़नाअत करने और शानो-शौकत…
हौज़ा/ यह आयत न्याय और निष्पक्षता की अनिवार्यता पर जोर देती है और इस बात पर जोर देती है कि नेतृत्व और निर्णय लेने की प्रक्रिया में विश्वासघात या पक्षपात के लिए कोई जगह नहीं है। अल्लाह द्वारा…