۲۴ شهریور ۱۴۰۳
|۱۰ ربیعالاول ۱۴۴۶
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Sep 14, 2024
अपमानजनक ज़िंदगी
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आशूरा का पैग़ाम ख़ुद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़बानी
हौज़ा / हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का कर्बला में आकर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का कारण इस्लामी समाज में पैदा की गई वह गुमराहियां और बिदअतें थीं जिसकी बुनियाद सक़ीफ़ा में रखी गई थी, जिसके बाद से इस्लामी हुकूमत अपनी जगह से भटक कर बहुत से ग़लत रास्तों पर चली गई और विशेषकर इमाम अली अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद हुकूमत का पूरा सिलसिला बनी उमय्या के घराने में चला गया, कुछ इतिहास विशेषज्ञों के अनुसार बनी उमय्या का इस्लामी अक़ाएद और उसूल से कोई लेना देना नहीं था।