हौज़ा/हज़रत इमाम सादिक़ अ.स. से किसी ने माहे रजब के रोज़े के बारे में पूछा तो आपने फ़रमाया शाबान के रोज़े से क्यों ग़ाफ़िल हो? आपसे सवाल किया गया कि माहे शाबान में एक रोज़े का कितना सवाब है?…
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने एक रिवायत में अम्रबिल मारुफ़ नही अनिल मुनकर की अहमियत को बयांन किया हैं।