हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली ने अपने एक बयान में कहा कि आम्र बिल मआरूफ़ और नही अनिल मुनकर ऐसा इलाही फर्ज़ है जो न तो व्यक्तिगत या सामाजिक आज़ादी में बाधा है, न ही यह हिंसा, दूसरों को…
हौज़ा / हज़रत इमाम सादिक़ अ.स. से किसी ने माहे रजब के रोज़े के बारे में पूछा तो आपने फ़रमाया शाबान के रोज़े से क्यों ग़ाफ़िल हो? आपसे सवाल किया गया कि माहे शाबान में एक रोज़े का कितना सवाब है?…