अली अब्बास जैनबी (1)

  • तअस्सुब

    धार्मिकतअस्सुब

    हौज़ा / हमारी हालत उस मेंढक की तरह हो गई है जिसे उरूज पसंद ही नहीं वह तालाब और नाली के सड़े व बदबूदार पानी को ही अपना मुक़द्दर समझता है। हम एक ही मज़हब में अलग-अलग मसलक के लोग एक दूसरे से तअस्सुब…