हौज़ा / हम मौलाना मरहूम के पसमन्देगान और वाबस्तगान की खिदमत में ताज़ियत पेश करते हैं और बारगाहे माबूद में दुआ गो हैं कि रहमत व मगफेरत नाज़िल फरमाए,जवारे अहलेबैत अ०स० में बलंद दरजात अता फरमाए।