हौज़ा / पसमांदा क़ौमों में औरत को न कोई हक़ हासिल था और न ही ज़िंदगी में कोई इख़्तियार। उसे मर्द के ताबे समझा जाता था, और बाप या शौहर को उस पर मुकम्मल इख़्तियार हासिल होता था। मर्द अपनी बीवी…
हौज़ा / आयतुल्लाह हसनजादे अमोली (र) ने अल्लामा तबातबाई की असाधारण नैतिक ऊंचाई का वर्णन किया और कहा कि उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए दुआ नहीं की।
हौज़ा / सांस्कृतिक आक्रमण और मार्क्सवाद व साम्यवाद के प्रति संदेह के विरुद्ध बौद्धिक संघर्ष की आवश्यकता को समझते हुए आयतुल्लाह ममदूही ने युवाओं को इस्लामी सिद्धांतों से परिचित कराने और भटके हुए…
हौज़ा / उस्ताद मुर्तज़ा मुताहरी के अनुसार, अल्लामा सय्यद मुहम्मद हुसैन तबातबाई के प्रति उनके हृदय में असाधारण सम्मान का वास्तविक कारण यह था कि वे न केवल दर्शनशास्त्र और रहस्यवाद के विशेषज्ञ थे,…