हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अल्लाह से हमेशा उम्मीद रखो, लेकिन उसकी नाफ़रमानी से डरते भी रहो की ताकीद फरमाई हैं।