हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
قال أمیر المؤمنین علی علیه السلام
لا يَرْجُوَنَّ اَحَدٌ مِنْكُمْ اِلاّ رَبَّهُ وَ لا يَخافَنَّ اِلاّ ذَنْبَهُ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तुम में से कोई भी व्यक्ति अल्लाह के सिवा किसी और से आशा न लगाए, और अपने गुनाहों के अलावा किसी चीज़ से न डरे ।
नहजुल बलाग़ा, पेज 1123, हदीस नं 82
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