अवज्ञा
-
इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
अल्लाह और उसके रसूल की अवज्ञा करने और उसकी सीमाओं का उल्लंघन करने के परिणाम
हौज़ा / सूर ए नेसा की यह आयत यह स्पष्ट करती है कि अल्लाह और उसके दूत की अवज्ञा करना और अल्लाह द्वारा निर्धारित सीमाओं का उल्लंघन करना एक ऐसा कार्य है जिसके परिणामस्वरूप इसके बाद नरक की शाश्वत सजा और इस दुनिया में अपमान और अपमान होगा। यह आयत ईमानवालों को चेतावनी देती है कि उन्हें अल्लाह की आज्ञाओं का पालन करने में सावधान रहना चाहिए और अल्लाह की सीमाओं का पालन करना चाहिए।
-
इत्रे क़ुरआनः सूर ए आले इमारन !
मनुष्य की बौद्धिक एवं व्यावहारिक प्रवृत्तियाँ उसके भाग्य को प्रभावित करती हैं
हौज़ा | मुसलमानों के लिए अन्य समाजों के साथ इस्लामी समाज के समझौतों का पालन करना अनिवार्य है। अत्यधिक कमजोरी और अक्षमता किताब के लोगों (यहूदियों) का अंतिम अंत है।
-
इत्रे क़ुरआनः
सूरा ए बकरा: अल्लाह के फरमान से विद्रोह और विचलन क्रूरता है
हौज़ा / अल्लाह तआला की आज्ञाओं को बदलना ज़ुल्म है जो दंड की ओर ले जाता है। पाप करने वालों के लिए सांसारिक दंड भुगतने का जोखिम है।
-
शरई अहकाम । लंबे नाखूनों के साथ वज़ू और ग़ुस्ल करना
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने लंबे नाख़ूनो के साथ वज़ू और गुस्ल करने के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
-
हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) की अवज्ञा ईश्वर की अवज्ञा है, मौलाना सैयद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा / पहला सवाल यह है कि जब हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) ने अमीर अल-मुमिनिन (अ.स.) की खिलाफ़त और फ़दक़ की माँग की, तो क्यों नहीं दिया?
-
दिन की हदीसः
चार चीजों में छिपी चार बातें
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक बयान में बताया है कि बाकी चार चीजों में चार चीजें छिपी हुई हैं।
-
अहलेबैत (अ.स.) फाउंडेशन इंडिया के उपाध्यक्षः
पिता का अनुसरण, आज्ञाकारिता अली अकबर (अ.स.) के चरित्र का दर्पण है, मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / हज़रत अली अकबर (अ.स.) ने कम आयु मे कयामत तक आने वाली पीढ़ी को यह संदेश दिया है कि दिन में पाँच बार सजदे कर लेना ही इबादत नही, बल्कि माता-पिता विशेषकर पिता की आज्ञाकारिता का पालन करना भी इबादत है।