۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
अहमद रज़ा ज़ुरारा
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कुद्स मुसलमानों जीवनदायिनी है, इसे छोड़ देना अपने अस्तित्व को समाप्त करने के समान है
हौज़ा / मजलिस उलेमा-ए-हिंद की शाखा कुम के अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह आज काबा हमारी पहचान है, उसी तरह पहला किबला भी हमारी पहचान है। आने वाले जुमा को सभी मुसलमान जहा जिस प्रकार संभव हो कुद्स का समर्थन और गासिब से बराअत का इजहार करें।
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मजलिसे उलेमा-ए-हिंद, शाखा क़ुम के अध्यक्षः
वसीम रिज़वी माल और दौलत का तलबगार, उसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, मौलाना सैयद अहमद रज़ा ज़ुरारा
हौज़ा / मजलिसे उलेमा-ए-हिंद की शाखा कुम के अध्यक्ष ने कहा कि हुब्बे दुनिया का एक बड़ा मिसदाक़, धन और शक्ति का प्रेम हो, उसका बंदी सभी प्रकार के जघन्य कृत्यों को करने के लिए तैयार है। कल ऐसे लोग अमरो आस, उबैयदुल्लाह इब्न ज़्याद और उमर इब्ने सआद के रूप मे दिखाई देते थे और आज वो सलमान रुश्दी और वसीम रिजवी आदि के रूप में दिखाई देते हैं।