अहम खुतबे
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एकता व भाइचारा टूटने न पाए
हौज़ा/दुश्मन इस्लामी फ़िरक़ों के बीच झगड़ा चाहता है, ख़ास तौर पर इंक़ेलाब इस्लामी की कामयाबी के बाद वह चाहता है कि मुसलमानों के बीच एकता ना होने पाए
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:अहम ख़ुत्बे
इमाम ख़ुमैनी र.ह. इंक़ेलाब के बुनियादी उसूलों के मुहाफ़िज़
हौज़ा/समाज के हर बड़े बदलाव के सामने असली चैलेंज उस इंक़ेलाब या बदलाव की तरजीहात की हिफ़ाज़त करना है। यह समाज में हर बड़े बदलाव के सामने सबसे बड़ा चैलेंज हैं।
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:अहम ख़ुतबे
साम्राज्य की साज़िशों के बावजूद इस्लामी इंक़ेलाब आगे बढ़ता रहेगा
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,साम्राज्य की दुश्मनी और इन सभी साज़िशों के बावजूद ख़ुदा के शुक्र से हमारा मुल्क और हमारे अधिकारी, इंक़ेलाब के लंबे और कठिन रास्ते को तय करने और देश के निर्माण में सफल रहे हैं।
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अहम ख़ुतबे:
अगर हम ख़ालिस इस्लाम को व्यवहारिक बनाएं तो वह हर मुश्किल को हल कर देगा
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,अगर हम इस्लाम को, इमाम ख़ुमैनी द्वारा परिचित कराए गए अर्थ में यानी उसी सही, ख़ालिस और सिद्धांतों व दृष्टिकोणों पर आधारित अर्थ में व्यवहारिक बना दें तो ये हर मुश्किल को हल कर देगा, जैसा कि हम जिस मैदान में भी आए, बचाव किया, आग्रह किया तो उसका फ़ायदा हुआ