आखेरत
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हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन रजा नूरीः
शिया-सुन्नी एकता दुश्मन की आंखो का कांटा है
हौज़ा / हुज्जत-उल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन नूरी ने आगे कहा: दुश्मनों की साजिशों का मुकाबला करने के लिए आपस में एकता और सहमति बनाए रखना आवश्यक है। क्योंकि शिया और सुन्नी भाइयों की यह एकता और एकजुटता दुश्मनों की आंखों में कांटे की तरह चुभती है और उन्हें अपने विभाजनकारी लक्ष्यों को हासिल करने का मौका नहीं मिलता।
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दिन की हदीसः
आख़ेरत "परलोक" की नेअमतो को प्राप्त करने का तरीक़ा
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में आख़ेरत की नेअमतो को हासिल करने का तरीका बताया है।
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इमाम अली (अ.स.) की सलाह जिसे आप हर रात दोहराते थे
हौज़ा / हजरत मासूमा ए क़ुम (स.अ.) के हरम के ख़तीब ने कहा: इमाम अली (अ.स.) के सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हमेशा मस्जिद में लोगों को उपदेश देना था। हर रात ईशा की नमाज़ के बाद लोगो को नसीहत करते और बुलंद आवाज से कहते थे, "आखिर के लिए ज़ादे राह मोहय्या करो, क्योंकि इस दुनिया से कूच की आवाज हमेशा आ रही है।"
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आख़ेरत के मामलात में इंसानो का रवैया लापरवाहो जैसा, अल्लामा काज़िम अब्बास नकवी
हौज़ा / अल्लामा काज़िम अब्बास नकवी ने एक बयान में कहा कि इंसान दुनिया के जाहिर के बारे में बहुत चतुर है, लेकिन अगर आप उनसे आख़ेरत के बारे में बात करते हैं, तो वह कहते हैं कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा है, दुनिया के कारोबार में हाथ सफाई करना उन्हें समझ में नहीं आता कि आख़ेरत मे उनका यह गुनाह कितना बड़ा अंबार बनकर सामने आएगा। दूसरों को प्रताड़ित करने के लिए खुद को थोड़ी सी राहत एक महान पीड़ा के रूप में दिखाई देगी।वास्तव मे आखेरत के मामलात मे इंसानो का रवैया गाफिलो की रह है।