आज्ञाकारिता
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शरई अहकाम । माता-पिता की आज्ञाकारिता
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने माता-पिता की आज्ञाकारिता के संबंध मे पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है।
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हज़रत गाज़ी अब्बास (अ.स.) ने हमें यह सबक दिया है कि "वली अम्र की आज्ञाकारिता अनिवार्य है
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमिन मुहम्मद रज़ा रंजबर ने कहा: हज़रत अबुल फ़ज़ल ने हमें एक सबक दिया है कि हमें अपने समय के वली अम्र का पालन करना चाहिए और उसके आदेशों को सुनना चाहिए। समाज की इन विकट परिस्थितियों में हजरत अबुल फजल के अस्तित्व से हमें यह सबक सीखना चाहिए कि हमें अपने समय के वली अम्र के लिए जबान नहीं बल्कि कान बने और जो कुछ भी वह कहता है उसे मानना और स्वीकार करना चाहिए।
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दिन की हदीसः
चार चीजों में छिपी चार बातें
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक बयान में बताया है कि बाकी चार चीजों में चार चीजें छिपी हुई हैं।
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शुरूआत से ही इस्लामी समाज संरक्षक और इमाम के बिना नहीं रहा है, जाजरम के इमाम जुमा
हौज़ा / विलायत की आज्ञाकारिता तब मूल्यवान है जब यह विश्वास के साथ हो, क्योंकि विलायत के लोगों की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता पवित्रता है और पवित्रता ईश्वर में विश्वास से जुड़ी है।
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अहलेबैत (अ.स.) फाउंडेशन इंडिया के उपाध्यक्षः
पिता का अनुसरण, आज्ञाकारिता अली अकबर (अ.स.) के चरित्र का दर्पण है, मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / हज़रत अली अकबर (अ.स.) ने कम आयु मे कयामत तक आने वाली पीढ़ी को यह संदेश दिया है कि दिन में पाँच बार सजदे कर लेना ही इबादत नही, बल्कि माता-पिता विशेषकर पिता की आज्ञाकारिता का पालन करना भी इबादत है।