۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
आत्म सताई
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
आत्म-नुकसान और पवित्रता के मानक के बजाय अल्लाह की इच्छा
हौज़ा / इस आयत से हमें यह सीख मिलती है कि इंसान को नम्र और विनम्र होना चाहिए और अपनी पवित्रता का इज़हार करने के बजाय अपने सुधार और अल्लाह की ख़ुशी पर ध्यान देना चाहिए। सच्ची पवित्रता अल्लाह ताला से आती है और वही सबका सच्चा न्यायाधीश है।