आयतुल्लाहिल उज़मा जाफ़र सुब्हानी (22)
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उलेमा और मराजा ए इकरामनबी से मोहब्बत कोई बदअत नहीं बल्कि ईमान की बुनियाद हैं।आयतुल्लाह सब्हानी
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा जाफर सब्हानी ने कहा है कि नबी अक़रम स.ल.व. से मोहब्बत ईमान की बुनियाद है और मीलाद-ए-नबी (स.ल.व.) की महफ़िलें कोई बदअत नहीं बल्कि पूरी तरह से शरीअत का हिस्सा हैं उन्होंने…
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शिया धर्मगुरू मरजा तकलीद की बरसी पर एक रिपोर्ट;
ईरानएक महान शिक्षक और मरज ए तक़लीद का दुःख और एक वफादार शिष्य की गिरया व ज़ारी
हौज़ा /आयतुल्लाहिल उज़्मा बुरूजर्दी (र) की 66वीं बरसी के अवसर पर क़ुम की मस्जिदे आज़म में ईसाले सवाब की एक मजलिस आयोजित की गई।
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उलेमा और मराजा ए इकरामआयतुल्लाहिल उज़मा सुभानी का ज़कात-ए-फ़ित्रा की निर्धारित रक़म की घोषणा
हौज़ा / मरजए तक़लीद आयतुल्लाहिल अज़्मा सुभानी के कार्यालय ने ज़कात-ए-फ़ित्रा की निर्धारित मात्रा की घोषणा की गई है।
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उलेमा और मराजा ए इकरामहज़रत आयतुल्लाह सुब्हानी का दरस अख्लाक हर बुधवार को परदीसान में आयोजित किया जाएगा
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह सुब्हानी का दरस अख्लाक हर बुधवार को परदीसान में उलेमा और दिनी विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स.संस्थान में आयोजित किया जाएगा।
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उलेमा और मराजा ए इकरामज़मीन पर होने वाला पहला गुनाह हसद था: आयतुल्लाहिल उज़मा सुब्हानी
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा सुब्हानी ने अपने दरस ए अख़्लाक़ के दरस में हसद के घातक प्रभावों पर रौशनी डालते हुए कहा कि हसद केवल एक नैतिक बीमारी नहीं है बल्कि यह इंसान के ईमान को खा जाने वाला गुनाह…
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आयतुल्लाहिल उज़मा सुब्हानी की विद्यार्थियों को नसीहत:
उलेमा और मराजा ए इकरामचार अक्षर पढ़ कर यह न सोचे कि ज्ञान की कुंजी हमारे हाथ में आ गई है!!
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह सुब्हानी ने छात्रों को अख़्लाक़ का सबक देते हुए कहा, चार अक्षर पढ़ लेने के बाद हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि ज्ञान की कुंजी हमारे हाथ में आ गई है ज्ञान की कुंजी अल्लाह तआला…