हौज़ा / वसीम और शकील अलग नहीं हैं बल्कि एक ही सिक्के के दो रुख हैं क्योंकि जिस तरह इंकार क़ुरआन और तौहीने रेसालत कर के वसीम मुसलमान नहीं उसी तरह वली ए ख़ुदा और जानशीने रसूल स०अ०व०अ० की तौहीन…