۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
इंशाल्लाह इसे शोहदा
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शरई अहकम:
मरीज़ों की सेवा करने का फल
हौज़ा/इंशाल्लाह इसे शोहदा का महान अज्र मिलेगा, मगर यह युद्ध के मैदान के शहीदों का हुक्म नहीं रखता,