۱۸ تیر ۱۴۰۳
|۱ محرم ۱۴۴۶
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Jul 8, 2024
इत्तेहादे उम्मत है,
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वक्त की सबसे बड़ी ज़रूरत इत्तेहादे उम्मत है, मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी
हौज़ा/ये इत्तेहाद सिर्फ रसूल स.ल.व.व.कि विलादत के मौके पर ही नहीं बल्कि साल भर होना चाहिए इसी में उम्मत की भलाई है और एक मुसलमान पर दूसरे मुसलमान का यही हक है, और उसको अदा किया जाए यही इस्लाम है, किसी अमल से अल्लाह और रसूल अल्लाह दोनों खुश होंगे,