۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
مولانا ابوالقاسم رضوی

हौज़ा/ये इत्तेहाद सिर्फ रसूल स.ल.व.व.कि विलादत के मौके पर ही नहीं बल्कि साल भर होना चाहिए इसी में उम्मत की भलाई है और एक मुसलमान पर दूसरे मुसलमान का यही हक है, और उसको अदा किया जाए यही इस्लाम है, किसी अमल से अल्लाह और रसूल अल्लाह दोनों खुश होंगे,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , मंगल 19 अक्टूबर को A1TV के माध्यम से एक ऑनलाइन प्रोग्राम किया गया मिलादुन्नबी का जिसकि निज़ामत मशहूर नात पढ़ने वाले जनाब वकार कादरी साहब ने की
इस उत्सव का उद्देश्य उम्माते मुस्लिम  को एकता का मंच प्रदान करना है।

इस महफिल की शुरुआत आगा जनाब साजिद ग़ुजर साहब ने नात से किया उसके बाद मशहूर अहले सुन्नत आलमे दीन जनाब मौलाना जावेद मलिक साहब की तकरीर से हुआ आपने रसूल स.ल.व.व. की जिंदगी के बारे में नज़म और तकरीर में बयान किए उसके बाद हुज्जतुल-इस्लाम वालमुसलमीन मौलाना सैय्यद अबूल कासिम रिज़वी साहिब इमाम जुमआ मेलबर्न पैगंबर की अच्छी नैतिकता और जीवनी पर प्रकाश डालते हैं और अपने बयान में कहते हैं कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत है इत्तेहादे उम्मत और यह इत्तेहाद सिर्फ रसूल स.ल.व.व.कि विलादत के मौके पर ही नहीं बल्कि साल भर होना चाहिए
इसी में उम्मत की भलाई है और एक मुसलमान पर दूसरे मुसलमान का यही हक है, और उसको अदा किया जाए यही इस्लाम है, किसी अमल से अल्लाह और रसूल अल्लाह दोनों खुश होंगे,

आपके पास मशहूर नात पढ़ने वाले जनाब मुदस्सीर मेंहदी साहब ने खूबसूरत नात पेश की किए बेहतरीन आवाज़ के मालिक और बेहतरीन अंदाज में नाते पाक को पेश किए यह प्रोग्राम पूरे उसूल और पूरे डिस्टेंस के साथ शुरू हुआ और बेहतरीन तरीके से कामयाब रहा उसके बाद मौलाना रमज़ान कादरी साहब ने फरमाया मिलादुन्नबी मनाया जाना एक बेहतरीन अमल है, और फिर उसके बाद पैगंबर की जिंदगी के ऊपर उन्होंने रोशनी डाली और उनकी जिंदगी के बारे में उन्होंने अपने अच्छे अंदाज में बयान किया

याद रहे कि इस ऑनलाइन नातिया जश्न को दुनिया भर में देखा और सुना गया और लोगों ने इस कोशिश को सराहा आखिर में दुआ के साथ इस महफिले नातिया का प्रोग्राम खत्म हुआ,

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