इत्रे कुरआन (90)
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दुनियातुर्की ने मस्जिदे अक़्सा में इज़रायली मंत्री के प्रवेश की निंदा की, तनाव बढ़ने की चेतावनी दी
हौज़ा / तुर्की ने मस्जिदे अक़्सा में इज़रायली मंत्री के प्रवेश की निंदा की है और तनाव बढ़ने की चेतावनी दी है। अंकारा का कहना है कि इस तरह की भड़काऊ कार्रवाई इजरायल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून…
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क़ुरआन की रौशनी में:
धार्मिकअल्लाह के वादे पर यक़ीन सभी कामों की बुनियाद है
हौज़ा / अल्लाह की ताक़त व क़ुदरत पर नज़र और अल्लाह के वादे की सच्चाई पर यक़ीन सभी कामों की बुनियाद है। यानी अल्लाह के वादे पर यक़ीन रखें। अल्लाह फ़रमाता हैः और तुम मुझसे किए हुए अहद व पैमान…
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए नेसा
हौज़ा हाय इल्मियाशिर्क अल्लाह की इबादत से मुंह मोड़ने का नाम है
हौज़ा/ यह आयत हमें हमेशा अल्लाह की एकता पर विश्वास रखने और बहुदेववाद से बचने की शिक्षा देती है। अल्लाह की दया अपार है, लेकिन अनेकेश्वरवाद एक ऐसा पाप है जो व्यक्ति को अल्लाह की दया से वंचित कर…
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा
हौज़ा हाय इल्मियासिफ़ारिश के प्रकार और उसके प्रभाव
हौज़ा/ इस आयत में यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि मनुष्य को अच्छाई के प्रचार और बुराई को ख़त्म करने के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए। सिफ़ारिश एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका सही दिशा में उपयोग करने…
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
हौज़ा हाय इल्मियाअल्लाह की राह में जिहाद का महत्व और मजलूमों का समर्थन
हौज़ा / यह आयत ईमानवालों को उनके कर्तव्य की याद दिलाती है कि जुल्म के खिलाफ चुप न रहें बल्कि अल्लाह की राह में जिहाद करके मजलूमों की आजादी और उनके अधिकारों के लिए व्यावहारिक कदम उठाएं।
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
हौज़ा हाय इल्मियामुसलमानों के लिए रक्षा तैयारियां एवं सावधानियां
हौज़ा / यह आयत मुसलमानों को दुश्मन की चालों से सावधान रहने और हर समय तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित करती है। सफलता के लिए रणनीति और एकता अपरिहार्य तत्व हैं।
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दुनियाउरदोगान का इजरायली समर्थन इदलिब को भी खोदेंगे
हौज़ा / पाकिस्तान में उरदोगान को इस्लामिक राष्ट्र का हीरो माना जाता है, इसके विपरीत अरब देशों की जनता और शासक एर्दोगन पर विश्वास नहीं करते हैं, इसका मुख्य कारण यह है कि अरब देश, विशेषकर फिलिस्तीनी…
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
हौज़ा हाय इल्मियामतभेदों का समाधान: अल्लाह, उसके रसूल और इमाम से मार्गदर्शन का महत्व
हौज़ा / इस आयत का विषय अल्लाह की आज्ञाकारिता, रसूल (स) की आज्ञाकारिता और ऊलिल अम्र की आज्ञाकारिता है। यह मुसलमानों को अल्लाह, रसूल और मासूम इमाम (अ) के आदेश के अनुसार अपने मतभेदों को हल करने…
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
हौज़ा हाय इल्मियाबद किरदारो पर अल्लाह की लानत और उनकी बेयारी और मदद का अंत
हौज़ा / यह आयत स्पष्ट करती है कि अल्लाह के आदेशों की अवज्ञा के परिणाम बहुत गंभीर हैं। ऐसे लोगों पर अल्लाह की लानत होती है और उसके बाद उनके लिए मुक्ति का कोई रास्ता नहीं होता।