हौज़ा/ यह आयत हमें सिखाती है कि सच्ची सफलता वह है जो अल्लाह की ख़ुशी के लिए है। इस संसार के अस्थायी जीवन की अपेक्षा परलोक की शाश्वत सफलता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
हौज़ा/ इस आयत में कंजूसी की कड़ी निंदा की गई है और इस व्यवहार को एक सामाजिक बुराई बताया गया है। अल्लाह की नेमतों को दूसरों से छिपाना और उनका सही उपयोग न करना पाप है, और अल्लाह की ओर से कड़ी सजा…