हौज़ा / कुछ लोग जब यह देखते हैं की इमाम ए जमाअत नमाज पढ़ रहा है तो तुरंत इसकी इक्तेदा कर लेते हैं मुमकिन है ऐसा करना दुरुस्त न हो।
हौज़ा / एहतयाते वाजिब की बिना पर नहीं कर सकता हैं।