۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
نمازجمعه بندر دیّر به روایت تصویر

हौज़ा / कुछ लोग जब यह देखते हैं की इमाम ए जमाअत नमाज पढ़ रहा है तो तुरंत इसकी इक्तेदा कर लेते हैं मुमकिन है ऐसा करना दुरुस्त न हो।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शरई अहकाम:
मुस्तहबी नमाज़ में इक्तेदा करना?

सवाल:कुछ लोग जब यह देखते हैं की इमाम ए जमाअत नमाज पढ़ रहा है तो तुरंत इसकी इक्तेदा  कर लेते हैं

मुमकिन है ऐसा करना दुरुस्त न हो!

जवाब: अगर इमाम ए जमाअत मुस्तहबी नमाज़ पढ़ रहा हो तो इस सूरत में इक्तेदा नहीं हो सकती,
यहा तक कि अगर हमें मालूम ना हो की वाजिब नमाज पढ़ रहा है या मुस्तहबी फिर भी इस सूरत में इमाम की इक्तेदा नहीं कर सकते।

तौहज़िहुल मसाइल मराजय,म 1410

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