हौज़ाय/ मौलाना सैयद मंज़ूर अली नक़वी ने कहा कि हज़रत ज़हरा का बोलना या फ़रयाद करना केवल कोई एतिहासिक या जज़्बती वाकेआ नही बल्कि यह फ़िक्री बेदारी और इलाही बसीरत की अलामत है। बीबीؑ ने अपने उम्मत…