इमाम खुमैनी की बरसी
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इमाम ख़ुमैनी र.ह.एक महान हस्ती का नाम हैं
हौज़ा / चार जून सन 1989 ईसवी को दुनिया एक ऐसी महान हस्ती से बिछड़ हो गई जिसने अपने चरित्र, व्यवहार, हिम्मत, समझबूझ और अल्लाह पर पूरे यक़ीन के साथ दुनिया के सभी साम्राज्यवादियों ख़ास कर अत्याचारी व अपराधी अमरीकी सरकार का डटकर मुक़ाबला किए
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इमाम ख़ुमैनी की 35वीं बरसी की शुरुआत
हौज़ा / इमाम खुमैनी की 35वीं बरसी का समारोह सुबह 8 बजे से शुरू हो गया है।
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दु:खद खबर:
आयतुल्लाह शहीद सैयद मुस्तफा ख़ुमैनी की पत्नी का निधन:
हौज़ा/ आयतुल्लाह शहीद मुस्तफा खुमैनी की पत्नी और आयतुल्लाह शेख अब्दुल करीम हयारी के परिवार से ताल्लुक रखने वाली खातूर खानुम मासूम हयारी का आज निधन हो गया
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह. की विचारधारा आज भी जिंदा हैं
हौज़ा/हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.34 साल पहले 87 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हुए एक लंबे संघर्ष के बाद आज के दिन उन्होंने इस संसार को अलविदा कहां इमाम ख़ुमैनी के स्वर्गवास के दशकों बाद आज भी उनकी विचारधारा बाक़ी है।
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दिन की हदीसः
अहंकार और घमंड करने वाले लोगो के लिए अमीरुल मोमिनीन (अ) की नसीहत
हौज़ा / हज़रत अमीरुल मोमिनीन अली (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में घमंड और अहंकार से दूर रहने की सलाह दी है।
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हज़रत इमाम खुमैनी र.ह.की 33वीं वर्षगांठ पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की मुकम्मल तकरीर
हौज़ा/इस्लामी इंक़ेलाब के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी की 33वीं बर्सी पर इंक़ेलाब इस्लामी के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने श्रद्धालुओं के बहुत बड़े मजमे में तक़रीर की। 4 जून 2022 को अपनी इस तक़रीक में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी के व्यक्तित्व, उनकी विचारधारा के अनेक पहलुओं और साथ ही दूसरे कई विषयों पर रौशनी डाली।
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आयतुल्लाह मोहम्मद जवाद फाजिल लंकारानी:
हम सभी को इमाम खुमैनी र.ह. के जीवन का अध्ययन करना चाहिए
हौज़ा/मरकज़े फिकही अईम्मा अतहार अ.स. के प्रमुख ने कहां,इस्लामी गणतंत्र ईरान की प्रणाली को इस महान व्यक्तित्व की जीवनी का अध्ययन करना चाहिए
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हौज़ा ए इल्मिया जामियातुल तबलीग़ लखनऊ में इमाम खुमैनी र.ह.की 33वीं बरसी के मौके पर एक सेमिनार का आयोजन / फोंटों
हौज़ा/हज़रत इमाम खुमैनी र.ह.और इंकलाबे इस्लामी ईरान के विषय पर एक सेमिनार मूल्क के मशहूर मदरसे हौज़ा ए इल्मिया जामियातुल तबलीग़ लखनऊ में आयोजित किया गया
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मौलाना हैदर अब्बास रिज़वीः
मुस्लिम दुनिया पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ इस्लामी दुनिया को जगाया
हौज़ा / हजरत इमाम खुमैनी ने ऐसे समय में इस्लामी क्रांति की शुरुआत की जब ईरान में लाइसेंस प्राप्त वेश्याएं थीं। मुस्लिम दुनिया पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ इस्लामी दुनिया को जगाया। इस्लामी क्रांति की जीत ने ईरानी लोगों सहित दुनिया को इस्लामी रंगों से भर दिया।
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:हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई
इमाम ख़ुमैनी र.ह. गणतंत्र इस्लामी की रूह,और वह सिर्फ कल के इमाम नहीं थें,बल्कि आज भी इमाम हैं,और भविष्य में भी इमाम हैं।
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने हज़रत इमाम खुमैनी की 33 वीं वर्षगांठ पर सभा को संबोधित किया और उन्होंने अहम बिंदुओं पर रोशनी डाली और उन्होंने अपनी तकरीर में कहा कि इमाम ख़ुमैैनी एक महान शख्सियत के मालिक थे,
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इमाम ख़ुमैनी र.ह. की विचारधारा पर एक सरसरी नज़र
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के संस्थापक हज़रत इमाम ख़ुमैनी ने शुद्ध इस्लाम अपनाने की ताकीद की है आज इस्लाम कई विचारधारों में दिखाई दे रहा है एक इस्लाम वह है जो अमेरिका लोगों के सामने पेश कर रहा हैं और एक इस्लाम जो कुरआन और हदीस के एतबार से मौजूद है इसी इस्लाम को अपनाने की इमाम खुमैनी ऱह. ने ताकीद की थी,
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इमाम ख़ुमैनी र.ह.बदलाव के इमाम थें
हौज़ा/ इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने कहां,बदलाव लाना दीन की सब से बड़ी ज़िम्मेदारी थी। आशूरा का पैग़ाम भी बदलाव और इन्क़ेलाब का पैग़ाम है। हमारे दौर में इस तरह के बदलाव का एक नमूना, ईरान का इस्लामी इन्क़ेलाब है।
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अल्लाह पर भरोसा, पूर्ण विश्वास और संतोष इमाम खुमैनी की पहचान: मौलाना सैयद नक़ी अस्करी
हौज़ा / इमाम खुमैनी कोई व्यक्ति या व्यक्तित्व नहीं बल्कि एक युग का नाम है। इमाम खुमैनी की क्रान्ति ने न केवल उत्पीड़क को पराजित कर शोषितों को विजय दिलाई, बल्कि विद्वानों की सच्ची तस्वीर पेश की।
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दिल्ली में इमाम खुमैनी र.अ. का दीवान हिंदुस्तान और ईरान के दरमियान आपसी संबंधों का एक प्रमाण
हौज़ा/जनाब शमीम अहमद बजनूरी ने इंटरनेशनल नॉर माइक्रोफिल्म सेंटर (ईरान कल्चर हाउस), दिल्ली में इमाम खुमैनी के दीवान लिखे,इसे इंटरनेशनल नूर माइक्रोफिल्म सेंटर के निदेशक डॉ. मेंंहदी ख्वाजा पिरी की देखरेख में पूरा किया गया।
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इमाम खुमैनी र.ह.की बरसी के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार
हौज़ा/इमाम खुमैनी र.ह.की बरसी के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार तहज़ीब साज़ तब्दीली उम्मते इस्लामिया और हकीकी तब्दीली शनिवार, 5 जून रात 9 बजे।
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इमाम खुमैनी दिल की वादियों में तलातुम पैदा कर देते थे
हौज़ा /नैतिकता की शिक्षा के माध्यम से मानव स्वभाव और उसकी आध्यात्मिक और प्राकृतिक प्रवृत्ति को संगठित करना और उपदेशों के माध्यम से दिलों को राजी करना इमाम खुमैनी (र.अ.) की पद्धति थी।